गुफा में रहने वाली रूसी महिला नीना कुटीना ने खोले राज़, बच्चियों के पिता निकला इस्राइली व्यापारी

गुफा में रहने वाली रूसी महिला नीना कुटीना ने खोले राज़, बच्चियों के पिता निकला इस्राइली व्यापारी
गुफा में रहने वाली रूसी महिला नीना कुटीना ने खोले राज़, बच्चियों के पिता निकला इस्राइली व्यापारी

बेंगलुरु: कर्नाटक के गोकर्ण में गुफा में रह रही रूसी महिला नीना कुटीना और उसकी दो बेटियों की कहानी अब एक नई दिशा में जाती दिख रही है। 40 वर्षीय नीना और उसकी 6 और 4 साल की दो बेटियां 9 जुलाई को उत्तर कन्नड़ जिले में एक गुफा से मिली थीं। अब नीना ने खुलासा किया है कि उसकी बेटियों के पिता एक इस्राइली व्यापारी हैं और उनमें से एक बेटी का जन्म गोवा की एक गुफा में हुआ था।

2017 में खत्म हो चुका है वीजा

सरकारी अधिकारियों के अनुसार, नीना का भारत का वीजा 2017 में समाप्त हो गया था, जिसके बावजूद वह भारत में रह रही थी। फिलहाल उसे बेंगलुरु के एक डिटेंशन सेंटर में रखा गया है और सभी कानूनी औपचारिकताओं के बाद उसे और बच्चों को रूस वापस भेजा जाएगा।

बच्चियों के पिता से हुई FRRO की मुलाकात

भारतीय एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (FRRO) ने बच्चियों के पिता की पहचान की है, जो भारत में व्यापार वीजा पर रह रहा एक इस्राइली नागरिक है। FRRO के एक अधिकारी ने बताया,

“वह व्यक्ति 40 के करीब है और वर्षों पहले नीना से मिला था। दोनों के बीच प्रेम संबंध था और वह कपड़े के व्यापार से जुड़ा है।”

FRRO अधिकारियों ने इस्राइली नागरिक से यह जानने के लिए मुलाकात की कि क्या वह नीना और बच्चों की टिकट का खर्च वहन कर सकता है।

खोए हुए बेटे का दुख

प्रारंभ में नीना ने बच्चियों के पिता के बारे में जानकारी देने से इनकार कर दिया था, लेकिन काउंसलरों की मदद से बाद में उसने अपनी कहानी साझा की। उसने यह भी बताया कि उसका एक बड़ा बेटा था जिसकी मृत्यु हो चुकी है, और उसी दुख ने उसे भारत में रुकने पर मजबूर किया।

ANI को दिए गए एक इंटरव्यू में नीना ने कहा,

“मेरे बेटे की मृत्यु हो गई, और उसी घटना ने मुझे यहां और थोड़े समय रुकने के लिए प्रेरित किया, हालांकि मैंने वीजा खत्म होने के बाद ज्यादा समय नहीं बिताया।”

रूस में भी है एक और बच्चा

FRRO अधिकारियों के मुताबिक, नीना का एक और बच्चा रूस में है। इस बारे में उन्होंने चेन्नई स्थित रूसी वाणिज्य दूतावास को सूचना दे दी है।

‘हम मर नहीं रहे थे’, बोली नीना

गुफा में बच्चों के साथ रहने को लेकर उठे सवालों पर नीना ने सफाई देते हुए कहा कि

“हम मर नहीं रहे थे। मेरे बच्चे बहुत खुश थे। वे झरने में तैरते थे, मिट्टी और रंग से कला बनाना सीखा, अच्छा खाना पकाते और खाते थे। यह बहुत अच्छा अनुभव था।”

उसने आगे कहा कि उसने गोकर्ण आध्यात्मिक कारणों से नहीं, बल्कि प्राकृतिक जीवनशैली के लिए चुना था।

“यह आध्यात्मिकता के बारे में नहीं है जैसा कि लिखा जा रहा है, बल्कि हम प्रकृति में रहना पसंद करते हैं क्योंकि यह हमें स्वास्थ्य देती है।”

नीना ने बताया कि वह 15 साल से रूस में नहीं रही और इस दौरान कोस्टा रिका, मलेशिया, थाईलैंड, नेपाल और यूक्रेन जैसे देशों में घूमती रही है।

नीना कुटीना की कहानी सिर्फ एक विदेशी महिला की भारत में अवैध प्रवास की नहीं, बल्कि एक व्यक्तिगत संघर्ष, मातृत्व और वैकल्पिक जीवनशैली की दास्तान बनकर सामने आई है। हालांकि, अब भारतीय प्रशासन उसे और उसके बच्चों को कानूनी प्रक्रिया के तहत वापस रूस भेजने की तैयारी में है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मामले में इस्राइली नागरिक की भूमिका कितनी अहम होती है।