Pawan Singh News: पवन सिंह की अमित शाह और जेपी नड्डा से मुलाकात ने बढ़ाई सियासी हलचल, बीजेपी में वापसी के संकेत

Pawan Singh News: पवन सिंह की अमित शाह और जेपी नड्डा से मुलाकात ने बढ़ाई सियासी हलचल, बीजेपी में वापसी के संकेत
Pawan Singh News: पवन सिंह की अमित शाह और जेपी नड्डा से मुलाकात ने बढ़ाई सियासी हलचल, बीजेपी में वापसी के संकेत

पटना: बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले सियासी पारा चढ़ता जा रहा है। मंगलवार, 30 सितंबर 2025 को भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार और चर्चित चेहरे पवन सिंह ने एक ही दिन में तीन बड़े नेताओं से मुलाकात कर राज्य की राजनीति में हलचल पैदा कर दी।

पवन सिंह ने सबसे पहले राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा से मुलाकात की। इसके तुरंत बाद वे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिले। यह बैठक लगभग 30 मिनट तक चली, हालांकि इस दौरान पवन सिंह ने मीडिया से कोई बातचीत नहीं की और बैठक के बाद चुपचाप निकल गए। दिन का समापन उन्होंने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात के साथ किया, जो उनके आवास पर हुई।

बीजेपी में वापसी के कयास तेज

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इन मुलाकातों के बाद पवन सिंह की भारतीय जनता पार्टी में वापसी लगभग तय मानी जा रही है। गौरतलब है कि पिछले लोकसभा चुनाव में पवन सिंह ने पार्टी से टिकट नहीं मिलने पर काराकाट सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा था, जिससे एनडीए उम्मीदवार उपेंद्र कुशवाहा को नुकसान उठाना पड़ा था।

अब माना जा रहा है कि बीजेपी नेतृत्व पवन सिंह की लोकप्रियता को भुनाने की रणनीति पर काम कर रहा है, खासकर शाहाबाद क्षेत्र की 22 विधानसभा सीटों को ध्यान में रखते हुए।

युवाओं और सिनेप्रेमियों में पवन सिंह का प्रभाव

पवन सिंह का बिहार के युवाओं और सिने प्रेमियों के बीच व्यापक प्रभाव है। पार्टी नेतृत्व उनकी लोकप्रियता का फायदा उठाकर खासकर ग्रामीण और युवा वोट बैंक को साधने की कोशिश कर रही है।

बताया जा रहा है कि अमित शाह स्वयं बिहार चुनाव की रणनीति पर नजर रख रहे हैं और पार्टी हर मोर्चे पर सतर्कता बरत रही है।

बीते चुनाव में आसनसोल से किया था इनकार, काराकाट से लड़े थे चुनाव

लोकसभा चुनाव से पहले पवन सिंह ने भाजपा का दामन थामा था और उन्हें पश्चिम बंगाल की आसनसोल सीट से टिकट की पेशकश की गई थी। हालांकि उन्होंने यह कहकर इनकार कर दिया कि वे बिहार से चुनाव लड़ना चाहते हैं। इसके बाद उन्होंने काराकाट से निर्दलीय चुनाव लड़ा, जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा।

अब जब विधानसभा चुनाव नजदीक हैं, पवन सिंह की सक्रियता और भाजपा नेताओं से करीबी मुलाकातें इस ओर इशारा कर रही हैं कि वे एक बार फिर पार्टी में वापसी की ओर अग्रसर हैं।

शाहाबाद की सियासत में नया मोड़

राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि पवन सिंह की वापसी से शाहाबाद क्षेत्र की राजनीति में बड़ा बदलाव आ सकता है। साथ ही, बीजेपी जनसुराज पार्टी जैसी उभरती ताकतों के बीच अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए पवन सिंह जैसे लोकप्रिय चेहरों पर दांव खेल रही है।

फिलहाल, पवन सिंह की इन अहम मुलाकातों ने चुनावी मौसम में नई सरगर्मी ला दी है और यह देखना दिलचस्प होगा कि वे आने वाले दिनों में क्या राजनीतिक कदम उठाते हैं।

Pushpesh Rai
एक विचारशील लेखक, जो समाज की नब्ज को समझता है और उसी के आधार पर शब्दों को पंख देता है। लिखता है वो, केवल किताबों तक ही नहीं, बल्कि इंसानों की कहानियों, उनकी संघर्षों और उनकी उम्मीदों को भी। पढ़ना उसका जुनून है, क्योंकि उसे सिर्फ शब्दों का संसार ही नहीं, बल्कि लोगों की ज़िंदगियों का हर पहलू भी समझने की इच्छा है।