नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रिडमैन को दिए एक साक्षात्कार में 2002 के गोधरा दंगों पर खुलकर बात की। उन्होंने इसे गुजरात की इतिहासिक सांप्रदायिक हिंसा की कड़ी का एक हिस्सा बताया और कहा कि इसे “सबसे बड़ा दंगा” कहना भ्रम फैलाने जैसा है।
“गोधरा कांड एक भयावह त्रासदी थी”
मोदी ने बताया कि 27 फरवरी 2002 को जब वे गुजरात विधानसभा के बजट सत्र में मौजूद थे, तभी गोधरा ट्रेन कांड हुआ, जिसमें लोगों को जिंदा जला दिया गया। उन्होंने इस घटना की भयावहता की तुलना कंधार हाईजैक, संसद हमले और 9/11 जैसे वैश्विक आतंकवादी हमलों से की।
“गुजरात में 2002 से पहले 250 से ज्यादा दंगे हुए”
प्रधानमंत्री ने कहा कि गुजरात में 2002 से पहले 250 से अधिक बड़े दंगे हो चुके थे।
- 1969 के दंगे छह महीने तक चले थे।
- लेकिन 2002 की घटना को विशेष रूप से उछाला गया और कुछ तत्वों ने इसे हिंसा फैलाने का बहाना बनाया।
“न्यायपालिका ने दो बार जांच की”
पीएम मोदी ने बताया कि उस समय राजनीतिक विरोधी सत्ता में थे और वे चाहते थे कि उन पर लगे आरोप सही साबित हों।
- “सरकार ने जांच कराई, न्यायपालिका ने बारीकी से विश्लेषण किया और दो बार क्लीन चिट दी।”
- “जो वास्तव में दोषी थे, उन्हें न्याय के कटघरे में लाया गया।”
“2002 के बाद गुजरात में कोई दंगा नहीं हुआ”
मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि गुजरात, जो पहले सांप्रदायिक हिंसा से जूझता था, 2002 के बाद पूरी तरह शांत है।
- “हमने तुष्टिकरण की राजनीति को छोड़कर आकांक्षाओं की राजनीति को अपनाया।”
- “हम सबको साथ लेकर चले हैं—सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास ही हमारा मंत्र है।”
“गुजरात आज विकसित भारत के निर्माण में योगदान दे रहा”
प्रधानमंत्री ने कहा कि गुजरात को एक विकसित राज्य बनाने के लिए लगातार प्रयास किए गए और आज वह भारत के विकास में अहम भूमिका निभा रहा है।
“हमने राजनीति को विकास-केंद्रित बनाया, इसलिए हर कोई हमारी नीतियों से जुड़ रहा है। हमारा लक्ष्य भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाना है, और गुजरात इसमें अग्रणी भूमिका निभा रहा है,” मोदी ने साक्षात्कार में कहा।