भगोड़ों को भारत लाने की तैयारी तेज़, ब्रिटेन की टीम ने तिहाड़ जेल का किया निरीक्षण

भगोड़ों को भारत लाने की तैयारी तेज़, ब्रिटेन की टीम ने तिहाड़ जेल का किया निरीक्षण
भगोड़ों को भारत लाने की तैयारी तेज़, ब्रिटेन की टीम ने तिहाड़ जेल का किया निरीक्षण

नई दिल्ली: भारत सरकार द्वारा भगोड़े आर्थिक अपराधियों और आरोपियों को देश वापस लाने की कोशिशें तेज़ कर दी गई हैं। इसी कड़ी में हाल ही में ब्रिटेन की क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (CPS) की एक टीम ने दिल्ली स्थित तिहाड़ जेल का दौरा किया। इस दौरे का उद्देश्य यह परखना था कि अगर किसी आरोपी को भारत लाया जाए तो क्या उसे यहां सुरक्षित और मानवाधिकारों के अनुरूप रखा जाएगा।

तिहाड़ के हाई-सिक्योरिटी वार्ड का निरीक्षण

ब्रिटिश टीम ने तिहाड़ जेल के हाई-सिक्योरिटी वार्ड का निरीक्षण किया और वहां पर बंद कैदियों से बातचीत भी की। इस दौरान भारतीय अधिकारियों ने आश्वस्त किया कि विदेश से लाए गए हाई-प्रोफाइल आरोपियों के लिए विशेष सुविधा दी जा सकती है। जरूरत पड़ने पर उनके लिए जेल परिसर में विशेष एनक्लेव भी बनाया जाएगा।

अवैध पूछताछ नहीं होगी: भारत का आश्वासन

भारत सरकार ने ब्रिटेन को यह भी स्पष्ट रूप से आश्वासन दिया है कि किसी भी आरोपी से जेल में अवैध या अमानवीय तरीके से पूछताछ नहीं की जाएगी। गौरतलब है कि इससे पहले कई बार ब्रिटिश अदालतों ने भारत के प्रत्यर्पण अनुरोध को जेल की हालत को लेकर खारिज कर दिया था।

178 प्रत्यर्पण अनुरोध लंबित, 20 सिर्फ ब्रिटेन में

सूत्रों के अनुसार, भारत सरकार के कुल 178 प्रत्यर्पण अनुरोध इस समय विदेशों में लंबित हैं। इनमें से लगभग 20 मामले अकेले ब्रिटेन में अटके हुए हैं। इन मामलों में कुछ हथियार सौदागरों, आर्थिक अपराधियों, और खालिस्तानी नेटवर्क से जुड़े आरोपियों के नाम शामिल हैं।

विदेश सचिव का बयान

जुलाई 2025 में विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बयान दिया था कि भारत लगातार ब्रिटिश सरकार के समक्ष यह आग्रह कर रहा है कि कानून के तहत भगोड़ों को भारत लाया जाए और यहां मुकदमे की प्रक्रिया चलाई जा सके।

नीरव मोदी और विजय माल्या जैसे बड़े नाम

भारत से भागे विजय माल्या और नीरव मोदी इस प्रयासों के केंद्र में हैं।

  • विजय माल्या, जो इस समय लंदन में हैं, पर भारतीय बैंकों से 9,000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज धोखाधड़ी से न चुकाने का आरोप है।
  • वहीं नीरव मोदी, जो पंजाब नेशनल बैंक घोटाले का मुख्य आरोपी है, ब्रिटेन की जेल में बंद है। भारत ने दिसंबर 2019 में उसे फ्यूजिटिव इकोनॉमिक ऑफेंडर घोषित कर दिया था और उसकी करोड़ों की संपत्तियां प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा जब्त की जा चुकी हैं।

नीरव मोदी के प्रत्यर्पण को हरी झंडी

ब्रिटेन की अदालत ने नीरव मोदी के प्रत्यर्पण को पहले ही मंजूरी दे दी है, लेकिन अंतिम कानूनी प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हुई है। भारत सरकार की यह पहल साफ संकेत देती है कि देश से भागे आर्थिक अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा। तिहाड़ जेल का निरीक्षण और ब्रिटेन को दिए गए आश्वासन इस दिशा में एक बड़ा कदम है। यदि इन प्रयासों को सफलता मिलती है, तो नीरव मोदी, विजय माल्या समेत कई बड़े भगोड़े जल्द भारत की जेलों में हो सकते हैं।