पुणे: स्वर्गगेट बस स्टैंड पर 27 वर्षीय महिला के साथ दुष्कर्म के आरोपी दत्तात्रय रामदास गाडे की गिरफ्तारी के लिए पुणे पुलिस ने ₹1 लाख का इनाम घोषित किया है। यह घटना मंगलवार सुबह 5:45 से 6:00 बजे के बीच हुई थी, और चौंकाने वाली बात यह है कि यह बस एक व्यस्त बस स्टैंड पर, पुलिस स्टेशन से महज 100 मीटर की दूरी पर खड़ी थी।
क्राइम ब्रांच की 13 टीमें तलाश में जुटीं
36 वर्षीय आरोपी गाडे का चोरी, लूट और चैन स्नेचिंग जैसे कम से कम छह आपराधिक मामलों में रिकॉर्ड है। वह 2019 से जमानत पर बाहर था। पुणे पुलिस ने उसे पकड़ने के लिए 13 विशेष टीमें, जिनमें क्राइम ब्रांच की आठ टीमें भी शामिल हैं, तैनात की हैं।
पुलिस ने उसके परिवार के सदस्यों और करीबी साथियों से पूछताछ की है, और उसकी तलाश में रेलवे स्टेशनों और बस स्टैंडों पर टीमों को भेजा गया है। डीसीपी (ज़ोन II) स्मार्टना पाटिल ने बताया कि गाडे ने चेहरे पर मास्क पहन रखा था, जिससे उसकी पहचान करने में देरी हुई।
‘खबर दबाई गई ताकि आरोपी सतर्क न हो’
इस घटना को लेकर महाराष्ट्र के गृह राज्य मंत्री योगेश कदम ने कहा कि पीड़िता की शिकायत के बाद पुलिस आधे घंटे के भीतर कार्रवाई में जुट गई थी। उन्होंने बताया कि खबर इसलिए सार्वजनिक नहीं की गई ताकि आरोपी को इसकी भनक न लगे और वह भागने की कोशिश न करे।
कदम ने यह भी कहा कि पुलिस की रात 1 बजे और 3 बजे पेट्रोलिंग हुई थी, लेकिन घटना के समय कोई तैनात नहीं था। उन्होंने दावा किया कि पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की जांच कर आरोपी की पहचान कर ली है और जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
कैसे हुआ हमला? पीड़िता की आपबीती
पीड़िता, जो एक घरेलू कामगार है, अपने गृहनगर सतारा जाने के लिए बस का इंतजार कर रही थी। तभी गाडे उसके पास आया और उसे ‘दीदी’ कहकर बुलाया। उसने महिला से उसके गंतव्य के बारे में पूछा और बताया कि कोने में खड़ी एक बस सतारा जा रही है।
सीसीटीवी फुटेज में दोनों को बस की ओर जाते हुए देखा गया।
बस के बाहर अंधेरा था, जिससे महिला को शक हुआ, लेकिन गाडे ने बहाना बनाया कि यात्री अंदर सो रहे हैं। जब महिला अंदर गई, तो गाडे दरवाजा बंद कर अंदर घुस गया और दुष्कर्म किया। वारदात के बाद वह भाग निकला।
पीड़िता ने तुरंत अपने एक दोस्त को फोन कर पूरी घटना बताई, जिसने उसे पुलिस में शिकायत दर्ज कराने के लिए समझाया। पुलिस ने मामला दर्ज कर तुरंत जांच शुरू कर दी।
बस डिपो प्रशासन पर उठे सवाल, सुरक्षा बढ़ाने की मांग
घटना के बाद महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (MSRTC) पर भी सवाल उठने लगे हैं। डिपो की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर जांच के आदेश दिए गए हैं और सुरक्षा गार्डों को तुरंत बदल दिया गया है। एक सप्ताह के भीतर जांच रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया गया है।
MSRTC भारत के तीन सबसे बड़े सार्वजनिक परिवहन संगठनों में से एक है, जिसकी 14,000 से अधिक बसें रोज़ाना 55 लाख यात्रियों को सेवा देती हैं। लेकिन इस घटना ने यात्रियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं खड़ी कर दी हैं।
घटना पर सियासी घमासान, विपक्ष ने सरकार को घेरा
इस भयावह घटना को लेकर राजनीतिक बवाल भी मच गया है। महा विकास अघाड़ी (MVA) ने सत्तारूढ़ महायुति सरकार पर निशाना साधा है।
महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख हर्षवर्धन सापकाळ ने भाजपा सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा, “महिला सुरक्षा को छोड़कर यह सरकार सिर्फ़ मुफ्त की योजनाओं में व्यस्त है। सुरक्षा कहां है?”
एनसीपी नेता सुप्रिया सुले ने भी भाजपा पर तंज कसते हुए कहा, “जो सरकार महिलाओं की सुरक्षा तक सुनिश्चित नहीं कर सकती, वह किस मुंह से विकास की बात कर रही है?”
‘फांसी से कम सजा नहीं होनी चाहिए’
महाराष्ट्र सरकार ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई का वादा किया है। डिप्टी सीएम अजीत पवार ने इस घटना को “बेहद दुर्भाग्यपूर्ण, दुखद और गुस्सा दिलाने वाली” बताया।
उन्होंने कहा, “इस अपराधी के लिए फांसी से कम कोई सजा नहीं होनी चाहिए। मैंने पुणे पुलिस कमिश्नर को निर्देश दिया है कि वे इस मामले में पूरी ताकत झोंक दें।”
इसके साथ ही सीएम देवेंद्र फडणवीस ने भी इस अपराध को गंभीरता से लेने की बात कही और आरोपी को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने के निर्देश दिए हैं।
महिला सुरक्षा के लिए अलर्ट
पुलिस पूरी ताकत से आरोपी की तलाश में जुटी हुई है, और माना जा रहा है कि वह जल्द ही गिरफ्तार हो सकता है। लेकिन इस घटना ने महिला सुरक्षा को लेकर प्रशासन और कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।