कोलकाता: कलकत्ता हाईकोर्ट ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल सरकार की उस अपील को खारिज कर दिया, जिसमें आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में हुए रेप और हत्या के मामले में दोषी संजय रॉय की उम्रकैद की सजा के खिलाफ कड़ी सजा की मांग की गई थी। हालांकि, सीबीआई की याचिका को मंजूरी दे दी गई, जिसमें दोषी को फांसी की सजा देने की अपील की गई थी।
क्या कहा हाईकोर्ट ने?
न्यायमूर्ति देबांगसु बसाक और मोहम्मद सब्बार राशीदी की खंडपीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि सीबीआई इस मामले की जांच और अभियोजन एजेंसी है, इसलिए उसकी अपील पर विचार किया जाएगा।
हालांकि, पश्चिम बंगाल सरकार ने तर्क दिया कि उसे भी ट्रायल कोर्ट के फैसले को चुनौती देने का अधिकार है, क्योंकि यह सजा अपर्याप्त थी।
क्या है पूरा मामला?
यह मामला 9 अगस्त, 2023 को कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात एक महिला डॉक्टर के रेप और हत्या से जुड़ा है। इस जघन्य अपराध के बाद पूरे देश में आक्रोश फैल गया था।
घटना के ठीक अगले दिन, कोलकाता पुलिस ने संजय रॉय को गिरफ्तार किया था, लेकिन बाद में हाईकोर्ट ने मामले को सीबीआई को सौंप दिया।
सीबीआई ने 7 अक्टूबर को चार्जशीट दाखिल की, और 4 नवंबर को दोषी के खिलाफ आरोप तय किए गए। 20 जनवरी को ट्रायल कोर्ट ने संजय रॉय को प्राकृतिक जीवनकाल तक उम्रकैद की सजा सुनाई।
फांसी की सजा की मांग क्यों?
सीबीआई और राज्य सरकार दोनों ही इस सजा से असंतुष्ट थीं और हाईकोर्ट में अपील की थी कि दोषी को मृत्युदंड दिया जाए।
27 जनवरी को हाईकोर्ट ने दोनों याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रखा था। अब अदालत ने सीबीआई की अपील को स्वीकार कर लिया है, जबकि राज्य सरकार की अपील को खारिज कर दिया है।
इस सुनवाई के दौरान पीड़िता के माता-पिता और दोषी संजय रॉय के वकील भी अदालत में मौजूद थे।
आगे क्या होगा?
अब हाईकोर्ट सीबीआई की याचिका पर सुनवाई करेगी और तय करेगी कि संजय रॉय को फांसी की सजा दी जानी चाहिए या नहीं।
इस केस ने पूरे देश को झकझोर दिया था और अब यह देखना अहम होगा कि अदालत अंतिम रूप से क्या फैसला सुनाती है।