RIP Pandit Chhannulal Mishra: शास्त्रीय गायक पंडित छन्नूलाल मिश्र का निधन, मणिकर्णिका घाट पर हुआ अंतिम संस्कार

RIP Pandit Chhannulal Mishra: शास्त्रीय गायक पंडित छन्नूलाल मिश्र का निधन, मणिकर्णिका घाट पर हुआ अंतिम संस्कार
RIP Pandit Chhannulal Mishra: शास्त्रीय गायक पंडित छन्नूलाल मिश्र का निधन, मणिकर्णिका घाट पर हुआ अंतिम संस्कार

वाराणसी (उत्तर प्रदेश): पद्म विभूषण से सम्मानित प्रख्यात शास्त्रीय गायक पंडित छन्नूलाल मिश्र का गुरुवार को 89 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उन्होंने अपनी बेटी नम्रता के निवास, मिर्जापुर के गंगादर्शन कॉलोनी में अंतिम सांस ली।

पंडित मिश्र का अंतिम संस्कार वाराणसी के मणिकर्णिका घाट पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया। उनका अंतिम संस्कार उनके पोते ने किया। उनके पार्थिव शरीर को दोपहर 12:30 बजे उनके पैतृक निवास छोटी गबी, वाराणसी लाया गया, जहां उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री डॉ. दयाशंकर मिश्र, वाराणसी की महापौर, कई विधायक, जिलाधिकारी, पुलिस आयुक्त समेत बड़ी संख्या में लोग अंतिम दर्शन के लिए एकत्र हुए। संगीत जगत की कई हस्तियों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की, जिनमें पद्मश्री लोक गायिका मालिनी अवस्थी और शास्त्रीय गायिका डॉ. सोमा घोष शामिल हैं।

पंडित छन्नूलाल मिश्र का जन्म 3 अगस्त 1936 को उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के एक गांव में हुआ था। उन्होंने संगीत की प्रारंभिक शिक्षा अपने पिता से प्राप्त की और बाद में बनारस में औपचारिक संगीत प्रशिक्षण लिया। उन्होंने किराना घराने के उस्ताद अब्दुल गनी खां के सान्निध्य में दीर्घकालीन तालीम ली और बनारस घराने के प्रमुख गायक बने। उन्हें ख़याल और पूरब अंग की ठुमरी में विशेष महारत हासिल थी।

पंडित मिश्र को उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, नौशाद सम्मान, यश भारती पुरस्कार, 2010 में पद्म भूषण और 2020 में पद्म विभूषण जैसे कई प्रतिष्ठित सम्मानों से नवाजा गया। उन्हें संगीत नाटक अकादमी फैलोशिप भी प्राप्त हुई थी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पंडित मिश्र के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “प्रख्यात शास्त्रीय गायक पंडित छन्नूलाल मिश्र जी के निधन से अत्यंत दुःख हुआ है। उन्होंने भारतीय कला और संस्कृति की समृद्धि के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। वे शास्त्रीय संगीत को जन-जन तक पहुंचाने के साथ-साथ भारतीय परंपरा को वैश्विक मंच पर प्रतिष्ठित करने में भी अग्रणी रहे। मुझे सौभाग्य प्राप्त हुआ कि उनका स्नेह और आशीर्वाद मुझे हमेशा मिला।”

प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी याद किया कि पंडित मिश्र 2014 में वाराणसी लोकसभा सीट से उनके प्रस्तावक थे। पंडित मिश्र अपने पीछे चार बेटियां और एक बेटे का परिवार छोड़ गए हैं। पूरब अंग की ठुमरी शैली के प्रमुख स्तंभों में से एक रहे पंडित छन्नूलाल मिश्र को उनके भावपूर्ण और मधुर गायन के लिए हमेशा याद किया जाएगा। उनके जाने से भारतीय शास्त्रीय संगीत ने एक अमूल्य रत्न खो दिया है।

Pushpesh Rai
एक विचारशील लेखक, जो समाज की नब्ज को समझता है और उसी के आधार पर शब्दों को पंख देता है। लिखता है वो, केवल किताबों तक ही नहीं, बल्कि इंसानों की कहानियों, उनकी संघर्षों और उनकी उम्मीदों को भी। पढ़ना उसका जुनून है, क्योंकि उसे सिर्फ शब्दों का संसार ही नहीं, बल्कि लोगों की ज़िंदगियों का हर पहलू भी समझने की इच्छा है।