Sonam Wangchuk News: सोनम वांगचुक को लेकर फैलाई जा रही ‘मनगढ़ंत कहानी’, पत्नी गीता अंजू आंगमो ने लगाए गंभीर आरोप

Sonam Wangchuk News: सोनम वांगचुक को लेकर फैलाई जा रही 'मनगढ़ंत कहानी', पत्नी गीता अंजू आंगमो ने लगाए गंभीर आरोप
Sonam Wangchuk News: सोनम वांगचुक को लेकर फैलाई जा रही 'मनगढ़ंत कहानी', पत्नी गीता अंजू आंगमो ने लगाए गंभीर आरोप

नई दिल्ली/लेह: लद्दाख में हाल ही में हुई अशांति को लेकर गिरफ्तार सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक पर लगे आरोपों को उनकी पत्नी गीता अंजू आंगमो ने पूरी तरह से खारिज करते हुए इसे एक “मनगढ़ंत कहानी” बताया है। उन्होंने कहा कि सरकार छठे अनुसूची को लागू न करने के बहाने वांगचुक को बलि का बकरा बना रही है।

24 सितंबर की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए गीता ने सुरक्षा बलों की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए और पूछा, “सीआरपीएफ को फायरिंग का आदेश किसने दिया?” उन्होंने कहा कि लद्दाख जैसे शांत क्षेत्र में, जहां कभी कोई हिंसक प्रदर्शन नहीं हुआ, वहां अपने ही नागरिकों पर गोली चलाना अस्वीकार्य है।

लद्दाख पुलिस के आरोपों को खारिज किया

आंगमो ने लद्दाख के पुलिस महानिदेशक एसडी सिंह जम्वाल के बयानों की भी कड़ी आलोचना की। उन्होंने ANI से बातचीत में कहा, “हम लद्दाख डीजीपी के बयानों की कड़ी निंदा करते हैं। केवल मैं ही नहीं, बल्कि पूरा लद्दाख इन आरोपों को खारिज करता है।”

डीजीपी ने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में वांगचुक के पाकिस्तान से कथित संबंधों पर सवाल उठाए थे और उनके विदेश दौरों पर भी संदेह जताया था।

“सोनम वांगचुक को फंसाने की साजिश”

गीता आंगमो ने स्पष्ट किया कि उनके पति सिर्फ शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे, और 24 सितंबर की घटना से उनका कोई लेना-देना नहीं था। उन्होंने बताया कि घटना के समय वांगचुक कहीं और भूख हड़ताल पर थे।

उन्होंने आरोप लगाया, “पुलिस किसी एजेंडे के तहत काम कर रही है। वे छठा शेड्यूल लागू नहीं करना चाहते और किसी को बलि का बकरा बनाना चाहते हैं।”

‘राष्ट्रविरोधी’ कहे जाने पर भी दी सफाई

वांगचुक पर ‘राष्ट्रविरोधी’ टैग लगाए जाने को भी गीता आंगमो ने खारिज करते हुए कहा कि वह वर्षों से “गांधीवादी तरीकों” से शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि 24 सितंबर की स्थिति CRPF की कार्रवाई के चलते बिगड़ी, न कि किसी उकसावे के कारण।

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वांगचुक की पाकिस्तान यात्रा जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र द्वारा आयोजित एक सम्मेलन के तहत हुई थी। उन्होंने कहा, “हम एक जलवायु सम्मेलन में गए थे। हिमालय की बर्फ यह नहीं देखती कि वह भारत में पिघल रही है या पाकिस्तान में।”

गीता आंगमो के इन बयानों ने लद्दाख में उभरते तनाव और वांगचुक की गिरफ्तारी पर नए सवाल खड़े कर दिए हैं। जहां एक ओर प्रशासन वांगचुक पर गंभीर आरोप लगा रहा है, वहीं दूसरी ओर उनके समर्थक और परिजन इसे एक राजनीतिक साजिश मान रहे हैं। आने वाले समय में इस मुद्दे पर लद्दाख और राष्ट्रीय राजनीति में और बहस छिड़ सकती है।

Pushpesh Rai
एक विचारशील लेखक, जो समाज की नब्ज को समझता है और उसी के आधार पर शब्दों को पंख देता है। लिखता है वो, केवल किताबों तक ही नहीं, बल्कि इंसानों की कहानियों, उनकी संघर्षों और उनकी उम्मीदों को भी। पढ़ना उसका जुनून है, क्योंकि उसे सिर्फ शब्दों का संसार ही नहीं, बल्कि लोगों की ज़िंदगियों का हर पहलू भी समझने की इच्छा है।