सऊदी अरब और पाकिस्तान ने किया आपसी रक्षा समझौता, जानिए क्या इस समझौता से पड़ेगा भारत पर असर

सऊदी अरब और पाकिस्तान ने किया आपसी रक्षा समझौता, जानिए क्या इस समझौता से पड़ेगा भारत पर असर
सऊदी अरब और पाकिस्तान ने किया आपसी रक्षा समझौता, जानिए क्या इस समझौता से पड़ेगा भारत पर असर

नई दिल्ली/रियाद: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ की सऊदी अरब यात्रा के दौरान दोनों देशों ने आपसी रक्षा समझौते (Mutual Defence Agreement) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौते का सबसे अहम बिंदु यह है कि “किसी एक देश पर आक्रामकता को दोनों देशों पर हमला माना जाएगा।” इस रक्षा संधि को दोनों देशों के बीच दशकों से चले आ रहे रणनीतिक सहयोग का औपचारिक रूप कहा जा रहा है।

भारत का संयमित बयान

भारत सरकार ने इस रक्षा समझौते पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि यह विकास “दोनों देशों के बीच लंबे समय से चली आ रही व्यवस्था को औपचारिक रूप देने वाला कदम है।” विदेश मंत्रालय (MEA) ने अपने बयान में कहा:

“सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच रणनीतिक आपसी रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर की रिपोर्ट हमने देखी है। यह विकास लंबे समय से विचाराधीन था और सरकार इससे अवगत थी। हम इस समझौते के भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा, क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता पर प्रभावों का अध्ययन करेंगे। भारत सरकार अपने राष्ट्रीय हितों की सुरक्षा और सभी क्षेत्रों में समग्र राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।”

क्या है समझौते की खास बात?

साझा बयान के अनुसार, यह समझौता लगभग आठ दशकों से चले आ रहे सऊदी अरब और पाकिस्तान के “ऐतिहासिक भागीदारी” पर आधारित है। इसमें दोनों देशों के बीच इस्लामी एकता, रणनीतिक हित और घनिष्ठ रक्षा सहयोग का ज़िक्र किया गया है।

प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ ने सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के निमंत्रण पर रियाद का दौरा किया। अल-यमामा पैलेस में दोनों नेताओं के बीच मुलाकात हुई और “द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा” की गई।

भारत-पाक संबंधों के संदर्भ में अहम समय

यह रक्षा समझौता ऐसे समय पर हुआ है जब भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध फिर से तनावपूर्ण हो गए हैं। हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले और भारत के जवाबी सैन्य अभियान “ऑपरेशन सिंदूर” के बाद दोनों देशों के बीच तनाव और भी गहरा हो गया है।

भारत-सऊदी अरब के रिश्तों का भी रहा है मजबूत इतिहास

हालांकि सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच संबंध ऐतिहासिक रूप से मजबूत रहे हैं, लेकिन भारत और सऊदी अरब के रिश्तों में भी हाल के वर्षों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन बार सऊदी अरब का दौरा किया है और 2016 में उन्हें सऊदी अरब के सर्वोच्च नागरिक सम्मान “किंग अब्दुलअज़ीज़ सैश” से नवाजा गया था।

विश्लेषण: आगे क्या?

इस समझौते से क्षेत्रीय राजनीति में बदलाव आ सकते हैं, खासकर ऐसे समय में जब दक्षिण एशिया में सुरक्षा और कूटनीति को लेकर समीकरण बदल रहे हैं। भारत इस पूरे घटनाक्रम पर बारीकी से नज़र रखेगा और राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी संभावित विकल्पों पर विचार करेगा।

सऊदी-पाक रक्षा समझौता एक नए रणनीतिक समीकरण की शुरुआत है, जिस पर भारत की नजर बनी हुई है। आने वाले समय में यह देखना अहम होगा कि इस संधि का दक्षिण एशियाई भू-राजनीति पर क्या असर पड़ता है।

Pushpesh Rai
एक विचारशील लेखक, जो समाज की नब्ज को समझता है और उसी के आधार पर शब्दों को पंख देता है। लिखता है वो, केवल किताबों तक ही नहीं, बल्कि इंसानों की कहानियों, उनकी संघर्षों और उनकी उम्मीदों को भी। पढ़ना उसका जुनून है, क्योंकि उसे सिर्फ शब्दों का संसार ही नहीं, बल्कि लोगों की ज़िंदगियों का हर पहलू भी समझने की इच्छा है।