12 हजार साल बाद वैज्ञानिकों ने किया ‘डायर वुल्फ’ को फिर से जीवित

12 हजार साल बाद वैज्ञानिकों ने किया 'डायर वुल्फ' को फिर से जीवित
12 हजार साल बाद वैज्ञानिकों ने किया 'डायर वुल्फ' को फिर से जीवित

टेक्सास: 12,500 साल पहले विलुप्त हो चुके ‘डायर वुल्फ’ को अब फिर से जीवित किया गया है! यह अद्भुत और ऐतिहासिक कार्य टेक्सास स्थित कंपनी Colossal Biosciences ने किया है, जिसने क्लोनिंग और जीन संपादन तकनीकों का उपयोग कर दो नर पिल्लों, रोमुलस और रेमस, को इस दुनिया में लाया है। इस सफलता की जानकारी CNN ने दी है।

वैज्ञानिकों ने प्राचीन अवशेषों से प्राप्त DNA का इस्तेमाल किया और आधुनिक ग्रे वुल्फ के जीन से मेल खाते हुए जीन संपादन किया। George Church, जो हार्वर्ड यूनिवर्सिटी और MIT में जीनिकी के प्रोफेसर और Colossal के सह-संस्थापक हैं, ने बताया कि क्लोनिंग प्रक्रिया ने अत्यधिक सफलता दिखाई है, जिससे “de-extinction” (विलुप्त प्रजातियों को फिर से जीवित करना) के क्षेत्र में एक नई क्रांति आ सकती है। इस ऐतिहासिक सफलता पर एलन मस्क ने भी सोशल मीडिया पर खुशी जताते हुए एक मजाकिया टिप्पणी की, जिसमें उन्होंने “मिनीच्योर पेट वूली मैमथ” की इच्छा जताई।

पहले कुछ दिनों तक डायनासोर जैसे इन पिल्लों को एक सरोगेट मां से दूध पिलाया गया, उसके बाद Colossal टीम ने उन्हें बोतल से दूध पिलाया। पिल्ले अब स्वस्थ हैं, लेकिन इनका व्यवहार बाकी कुत्तों से बिल्कुल अलग है। रोमुलस और रेमस अन्य कुत्तों के मुकाबले अधिक संकोची हैं और जब इन्हें बहुत करीब से संपर्क किया जाता है तो ये तनाव में आ जाते हैं। यह व्यवहार शायद उन पुराने समय के डायर वुल्फ के स्वभाव की याद दिलाता है, जिनमें से कुछ गुण अब इन पिल्लों में भी देखे जा रहे हैं।

यह प्रयास Colossal Biosciences के लिए केवल शुरुआत है। उनकी योजना है कि वे भविष्य में अन्य विलुप्त प्रजातियों जैसे कि मैमथ, डोडो और तस्मानियाई बाघ का भी पुनर्जीवन करें। वर्तमान में, इन डायर वुल्फ पिल्लों को एक 2,000 एकड़ के सुरक्षा घेरे में रखा गया है, जहां उन्हें ड्रोन, सुरक्षा कर्मी और लाइव कैमरों के माध्यम से लगातार मॉनिटर किया जा रहा है। यह सफलता एक नई वैज्ञानिक क्रांति का संकेत है और यह साबित करता है कि भविष्य में हम और भी विलुप्त प्रजातियों को जीवित करने में सक्षम हो सकते हैं।

Digikhabar Team
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