एक मामूली सिक्योरिटी गार्ड ने कैसे तोडा ऑस्ट्रेलिया का घमंड?

वेस्टइंडीज ने रविवार को ऑस्ट्रेलिया को ब्रिसबेन के द गाबा मैदान पर 36 साल बाद 8 रन से टेस्ट हराकर ऐतिहासिक जीत हासिल की, इस जीत की इबारत लिखी गुयाना के तेज गेंदबाज शमार जोसेफ ने।

शमार जोसेफ, जो एक साल पहले तक सिक्योरिटी गार्ड बनकर जीवन गुजार रहे थे और चोटिल अंगूठे के साथ बॉलिंग की और 7 विकेट लेकर ऑस्ट्रेलिया को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया।

आभावो में बिताया जीवन:-

24 साल के शमार जोसेफ =8 भाई-बहनों के परिवार में पले-बढ़े। वह गुयाना आईलैंड में शहरी आबादी से दूर बाराकारा के एक छोटे से समुदाय से आते हैं। जहां की आबादी मात्र 350 है।

बाराकारा के घरों में साल 2018 तक इंटरनेट और टीवी भी नहीं था। पूरे समुदाय के बीच केवल एक ब्लैक एंड व्हाइट टेलीविजन था लैंड-लाइन, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए दूर के शहरो पर निर्भर है.

शुरुवाती संघर्ष:-

शमर एक समय तक लकड़ी काटकर अपना घर चलाते थे, एक बार लकड़ी काटते समय जमीन पर गिर पड़े और उनकी जान बाल-बाल बची, तब से उन्होंने लकड़ी काटना छोड़ दिया, इसके बाद उन्होंने मजदूरी और सिक्योरिटी गार्ड का भी काम किया।

पत्नी का मिला सपोर्ट:-

न्यू एम्स्टर्डम में रहते हुए जोसफ सिक्योरिटी गार्ड का काम करते थे जहाँ उन्हें 12 घंटे की शिफ्ट करनी पड़ती थी, और खाली समय में उन्होंने क्रिकेट खेला करते थे. और पत्नी के सुझाव पर उन्होंने सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी छोड़ क्रिकेट पर पूरा ध्यान दिया।

रोमारियो शेफर्ड ने दिलवाई टीम में एंट्री। अन्य क्रिकेटरों ने पहचानी प्रतिभा। वेस्टइंडीज टीम के प्लेयर रोमारियो शेफर्ड और पूर्व क्रिकेटर से बिजनेसमैन बने डेमियन वंतुल ने जोसफ की प्रतिभा को पहचाना और उन्हें प्रोफेशनल क्रिकेट में एंट्री दिलवाई।

Digikhabar Editorial Team
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