मुंबई: गुरुवार को भारतीय शेयर बाजार ने हालिया गिरावट के बाद सपाट शुरुआत की। वैश्विक संकेतों की कमजोरी के चलते निवेशकों की धारणा सतर्क रही। शुरुआती कारोबार में बीएसई सेंसेक्स 54.99 अंकों की गिरावट के साथ 80,897 पर खुला, जबकि निफ्टी ने 29.8 अंकों की बढ़त के साथ 24,639.50 पर ट्रेडिंग शुरू की। पिछले सत्र में सेंसेक्स 80,951.99 और निफ्टी 24,609.70 पर बंद हुआ था।
मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में बढ़त
ब्रॉडर मार्केट में बीएसई स्मॉलकैप और मिडकैप इंडेक्स हरे निशान में नजर आए और शुरुआती कारोबार में दोनों इंडेक्स 150 अंकों से अधिक की बढ़त पर थे, जो बाजार की गहराई में सकारात्मक रुझान दर्शाता है।
किस कंपनी के शेयर रहे फायदे में?
सेंसेक्स पैक की बात करें तो शुरुआती कारोबार में आईटीसी, अदाणी पोर्ट्स, टाटा स्टील, इन्फोसिस और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के शेयर हरे निशान में थे। आईटीसी में सबसे ज्यादा तेजी देखने को मिली, जहां यह 1% से अधिक उछला। वहीं, दूसरी ओर सन फार्मा, टाइटन, महिंद्रा एंड महिंद्रा, बजाज फाइनेंस और भारती एयरटेल के शेयर गिरावट में रहे। सन फार्मा के शेयरों में 4% से ज्यादा की गिरावट देखी गई, जिससे निवेशकों को बड़ा झटका लगा।
निफ्टी स्टॉक्स का हाल
निफ्टी पैक में कुल 823 शेयरों में तेजी देखी गई, जबकि 1,271 शेयर लाल निशान में कारोबार कर रहे थे। 85 शेयरों में कोई बदलाव नहीं आया। गुरुवार की शुरुआत से पहले गिफ्ट निफ्टी ने सकारात्मक संकेत दिए थे। यह 24,696 पर खुला, जो इसके पिछले बंद स्तर 24,655 से थोड़ा ऊपर था, जिससे बाजार की थोड़ी बेहतर शुरुआत की उम्मीद जगी थी।
एशियाई बाजारों का मिला-जुला रुख
एशियाई बाजारों में गुरुवार को मिश्रित कारोबार देखने को मिला।
- जापान का निक्केई 225 सूचकांक 220.83 अंक चढ़कर 37,206.35 पर ट्रेड कर रहा था।
- हांगकांग का हैंग सेंग सूचकांक 147.52 अंक (0.58%) की बढ़त पर रहा।
- दक्षिण कोरिया का कोस्पी 0.12% ऊपर था।
- चीन का शंघाई कंपोजिट 2.77% की बढ़त के साथ हरे निशान में रहा।
सेक्टरवार प्रदर्शन
- निफ्टी आईटी इंडेक्स में 0.17% की हल्की बढ़त दर्ज की गई।
- निफ्टी एफएमसीजी इंडेक्स 0.52% ऊपर था, जिसमें आईटीसी जैसी कंपनियों का योगदान रहा।
- निफ्टी फार्मा में 1.33% की गिरावट, और
- निफ्टी ऑटो इंडेक्स 0.05% नीचे फिसल गया।
विश्लेषक की राय
Geojit Investments के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट डॉ. वी.के. विजयकुमार ने कहा,
“मार्च से अब तक 14% की तेजी के बाद बाजार दिशा खोज रहा है। एफआईआई की लगातार खरीददारी थमती दिख रही है। 20 और 22 मई को एफआईआई की बड़ी बिकवाली इस बात का संकेत है कि अगर वैश्विक माहौल नकारात्मक रहा तो वे फिर से विक्रेता बन सकते हैं।”
भारतीय शेयर बाजार फिलहाल सतर्कता और वैश्विक संकेतों के दबाव में है। हालांकि, मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में हल्की बढ़त निवेशकों के लिए थोड़ी राहत लेकर आई है। आगे का रुझान अमेरिका और जापान के बॉन्ड यील्ड्स, एफआईआई गतिविधियों और वैश्विक आर्थिक संकेतकों पर निर्भर करेगा।