शशि थरूर ने वियतनाम के नाम पर किया सरकार पर हमला, कहा ‘सीतारमण को बताए गैराज मैकेनिक’

शशि थरूर ने वियतनाम के नाम पर किया सरकार पर हमला, कहा 'सीतारमण को बताए गैराज मैकेनिक'
शशि थरूर ने वियतनाम के नाम पर किया सरकार पर हमला, कहा 'सीतारमण को बताए गैराज मैकेनिक'

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने सोमवार को लोकसभा में वित्त विधेयक पर सरकार की आर्थिक नीति पर तीखा हमला बोला। उन्होंने वित्त विधेयक को “पैचवर्क का क्लासिक उदाहरण” बताते हुए भारत के GST को “दुनिया का सबसे जटिल टैक्स” करार दिया। थरूर ने सरकार के सुधारों को अस्पष्ट और गहरे संरचनात्मक समस्याओं का समाधान न करने वाला बताया।

थरूर ने कहा, “वित्त मंत्री का बजट भाषण मुझे उस गैराज मैकेनिक की याद दिलाता है, जिसने कहा कि मैं आपकी ब्रेक नहीं सुधार सका, तो मैंने हॉर्न को तेज कर दिया। लेकिन वित्त विधेयक को देखकर अब वह कह रही हैं कि मैं छत नहीं सुधार सकी, लेकिन आपको एक छाता लाकर दे दिया हूं।” उन्होंने इसे “पैचवर्क समाधान” का क्लासिक उदाहरण बताया।

भारत के GST ढांचे को जटिल और असंवेदनशील बताते हुए थरूर ने कहा, “हम सभी जिस अच्छे और सरल टैक्स की उम्मीद कर रहे थे, भारत में वह नहीं मिला। यहां कई जटिल GST दरें हैं, जिनमें दुनिया की सबसे ऊंची दर 28 प्रतिशत है, लेकिन टैक्स राजस्व फिर भी GDP के 18 प्रतिशत के बराबर है।”

उन्होंने दूसरे देशों से तुलना करते हुए कहा, “चीन की GST दर 13 प्रतिशत है, लेकिन वे GDP का 20 प्रतिशत इकट्ठा करते हैं। वियतनाम की GST दर केवल 8 प्रतिशत है, और वे GDP का 19 प्रतिशत इकट्ठा करते हैं। थाईलैंड की GST दर सिर्फ 7 प्रतिशत है, और वे 17 प्रतिशत GDP एकत्र करते हैं। अब, इस अत्यधिक दर के अलावा, हमारा सिस्टम दुनिया के सबसे जटिल टैक्स का बोझ ढोता है।”

थरूर ने यह भी कहा, “77 देशों में GST है, और वे केवल एक या दो टैक्स लैब लागू करते हैं। हमारे देश में यह बहु-रेट संरचना व्यापारों के लिए अनुपालन बोझ को और बढ़ा देती है।”

इस पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद निशिकांत दुबे ने सरकार के आर्थिक रिकॉर्ड का बचाव करते हुए कहा, “यह एक तथ्य है कि देश की अर्थव्यवस्था जो पहले 2 ट्रिलियन डॉलर की थी, अब पिछले दस वर्षों में 4.5 ट्रिलियन डॉलर हो गई है। कांग्रेस का एजेंडा हर चीज का विरोध करना है, बिना सकारात्मक पक्षों को देखे।”

कांग्रेस सांसद के. सी. वेणुगोपाल ने भी सरकार पर हमला करते हुए आरोप लगाया कि 18 लाख करोड़ रुपये के कॉर्पोरेट लोन माफ किए गए हैं। इस पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्पष्ट किया, “लिखित रूप में माफ करने का मतलब यह नहीं है कि पैसा दे दिया गया है। सरकार इन मामलों का पालन कर रही है।”

Digikhabar Team
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