नई दिल्ली: मंगलवार को संसद के मानसून सत्र के दौरान लोकसभा में कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विपक्ष से भावुक अपील की कि किसानों और गांव-गरीब से जुड़े मुद्दों को सदन में उठने दिया जाए। उन्होंने कहा कि आज का दिन किसानों के लिए समर्पित है और प्रश्नकाल में रखे गए 20 में से 11 सवाल किसानों और ग्रामीण विकास से जुड़े हैं।
शिवराज ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से कहा, “आज किसानों का दिन है, गांव-गरीब का दिन है। मेरी विपक्ष से प्रार्थना है कि किसान कल्याण से जुड़े मुद्दों पर चर्चा होने दीजिए। सरकार पूरी तरह से जवाब देने के लिए तैयार है।” उन्होंने आगे कहा कि किसानों के सवालों के जवाब देने के साथ-साथ सरकार की योजनाओं को भी सदन के माध्यम से किसानों तक पहुंचाना जरूरी है।
‘खेती-किसानी पर चर्चा तो होने दीजिए’
शिवराज सिंह ने जोर देकर कहा, “कम से कम खेती पर चर्चा तो होने दीजिए, गांव-गरीब पर चर्चा होने दीजिए।”
लेकिन विपक्षी सांसदों ने बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन और विशेष गहन समीक्षा (SIR) जैसे मुद्दों को लेकर सदन में जोरदार हंगामा और नारेबाजी शुरू कर दी, जिससे लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही को दोपहर 2 बजे तक स्थगित करना पड़ा।
शिवराज का विपक्ष पर निशाना
कृषि मंत्री ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए विपक्ष पर तीखा हमला बोला। उन्होंने लिखा, “आज संसद में कृषि, किसान और ग्रामीण विकास से संबंधित विषयों पर चर्चा होनी थी। लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि विपक्ष अनावश्यक हंगामा कर इन मुद्दों पर चर्चा नहीं होने दे रहा है।”
उन्होंने कहा, “संसद लोकतंत्र का पवित्र मंदिर है और विकास तथा जनकल्याण पर सकारात्मक चर्चा ही लोकतंत्र के प्राण हैं। विपक्ष ने न सिर्फ लोकतांत्रिक मर्यादाओं का उल्लंघन किया, बल्कि देश के करोड़ों किसानों का भी अनादर किया है।”
शिवराज सिंह चौहान ने अंत में कहा, “देश देख रहा है कि कौन किसानों के साथ खड़ा है और कौन सिर्फ हंगामे के लिए खड़ा है।” कृषि मंत्री की अपील जहां किसानों के मुद्दों को संसद में प्रमुखता से रखने की कोशिश थी, वहीं विपक्ष के विरोध प्रदर्शन ने एक बार फिर संसद में गतिरोध की स्थिति बना दी है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार और विपक्ष के बीच इस मुद्दे पर कोई सहमति बन पाती है या नहीं।