भारत के उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ विपक्षी सांसदों से बेहद नाराज़ हैं, जिन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण के दौरान सत्तारूढ़ एनडीए के खिलाफ़ वॉकआउट किया।
मोदी के भाषण के दौरान विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को हस्तक्षेप करने की अनुमति देने से राज्यसभा के सभापति द्वारा इनकार किए जाने के बाद सांसदों ने वॉकआउट किया। सदन से बाहर निकलने से पहले विपक्षी नेताओं ने खड़गे का हवाला देते हुए ‘राज्यसभा को रद्द करो, झूठ बोलना बंद करो’ और ‘एलओपी को बोलने दो’ जैसे नारे भी लगाए।
धनखड़ ने कहा कि सांसदों के इस कृत्य से 140 करोड़ भारतीयों को ठेस पहुंचेगी। उन्होंने कहा कि विपक्ष ने न केवल सदन या अध्यक्ष के रूप में उनके पद का अपमान किया है, बल्कि संविधान का भी अपमान किया है।
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा, “आज वे सदन को छोड़कर नहीं गए, वे मर्यादा को छोड़कर गए हैं। आज उन्होंने मुझे पीठ नहीं दिखाई, उन्होंने भारत के संविधान को पीठ दिखाई। उन्होंने मेरा या आपका अपमान नहीं किया, उन्होंने संविधान की शपथ का अपमान किया। भारत के संविधान का इससे बड़ा अपमान और कुछ नहीं हो सकता।” उपराष्ट्रपति ने सांसदों के व्यवहार की निंदा की और कहा, “उन्होंने संविधान की भावना का अपमान किया है, उन्होंने ली गई शपथ का अनादर किया है।” उन्होंने कहा कि संविधान केवल हाथ में रखने वाली किताब नहीं है। उन्होंने कहा, “भारतीय संविधान हाथ में रखने वाली चीज नहीं है, यह जीवन जीने की किताब है। मुझे उम्मीद है कि वे आत्मचिंतन करेंगे और कर्तव्य पथ पर चलेंगे।” ‘केवल हाथ में रखने वाली किताब नहीं’ का तंज कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर था, जो संविधान को हाथ में लेकर शपथ लेने वालों में शामिल थे।
धनखड़ के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी विपक्ष पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार को मिले जनादेश को वे पचा नहीं पा रहे हैं। पीएम मोदी ने विपक्ष पर मैदान से भागने और सच सुनने की हिम्मत न होने का आरोप लगाया। हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में एनडीए ने 293 सीटें जीतीं, जबकि इंडिया ब्लॉक को 234 सीटें मिलीं।
विपक्ष के राज्यसभा से वॉकआउट पर टिप्पणी करते हुए एनसीपी (एसपी) प्रमुख शरद पवार ने कहा कि मल्लिकार्जुन खड़गे का सम्मान करना सत्ताधारी पार्टी की जिम्मेदारी है। पवार ने कहा, “वे (मल्लिकार्जुन खड़गे) संवैधानिक पद पर हैं। चाहे वह पीएम हों या सदन के अध्यक्ष, उनका सम्मान करना उनकी जिम्मेदारी है, लेकिन आज यह सब नजरअंदाज किया गया और इसलिए पूरा विपक्ष उनके साथ है, और इसलिए हम वॉकआउट कर गए।”