बेंगलुरु: भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए पी सिंह द्वारा हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) पर भरोसा न होने की बात कहे जाने के बाद, कंपनी ने आश्वासन दिया है कि तेजस लड़ाकू विमान की डिलीवरी जल्द शुरू होगी।
मंगलवार को एयरो इंडिया 2025 शो के दौरान एयर चीफ मार्शल ए पी सिंह ने एक विमान का निरीक्षण करते हुए HAL अधिकारियों से कहा कि “मुझे HAL पर कोई भरोसा नहीं है।” उनके इस बयान के बाद HAL के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर डी के सुनील ने देरी के पीछे तकनीकी कारणों को जिम्मेदार ठहराया।
HAL ने क्या दी सफाई
HAL प्रमुख ने मीडिया से बातचीत में कहा, “यह देरी केवल उद्योग की लापरवाही के कारण नहीं हुई है। इसमें कई तकनीकी समस्याएं थीं, जो अब सुलझा ली गई हैं। एयर चीफ की चिंता जायज है।”
उन्होंने बताया कि HAL ने वायुसेना को आश्वासन दिया है कि अब सभी संरचनाएं तैयार हैं और इंजन उपलब्ध होते ही विमान का उत्पादन शुरू हो जाएगा।
“हमने कई स्तरों पर बैठकें की हैं और वायुसेना को भरोसा दिलाया है कि हम पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। जैसे ही इंजन उपलब्ध होंगे, तेजस विमान का उत्पादन तेज गति से किया जाएगा।” – डी के सुनील, HAL प्रमुख
83 तेजस विमानों की डिलीवरी
HAL के मुताबिक, इस साल के अंत तक नासिक प्लांट से एक और बेंगलुरु से दो तेजस विमान भारतीय वायुसेना को सौंप दिए जाएंगे। कुल 83 LCA Mk1A लड़ाकू विमानों की डिलीवरी अगले साढ़े तीन वर्षों में पूरी होगी, जैसा कि भारतीय वायुसेना के साथ हुए मौजूदा अनुबंध में तय किया गया है।
हालांकि, वायुसेना अभी भी तेजस Mk1 के चार विमान की प्रतीक्षा कर रही है, जिनका ऑर्डर 2010 में दिया गया था।
IAF चीफ ने जताई थी गहरी नाराजगी
सूत्रों के मुताबिक, IAF प्रमुख ने HAL अधिकारियों से नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था कि उन्हें HAL पर भरोसा नहीं है और कंपनी को जल्द ही उनकी चिंताओं को दूर करना होगा।
“आपको हमारी चिंताओं को दूर करना होगा और हमें विश्वास दिलाना होगा। फिलहाल, मुझे HAL पर कोई भरोसा नहीं है, जो कि एक गंभीर स्थिति है।” – एयर चीफ मार्शल ए पी सिंह
HAL पर क्यों उठ रहे हैं सवाल?
HAL को पहले भी तेजस विमान के उत्पादन में देरी और गुणवत्ता संबंधी मुद्दों को लेकर आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है। 2022 में भी HAL पर तेजस विमानों की आपूर्ति में देरी के आरोप लगे थे। भारतीय वायुसेना की जरूरतों को देखते हुए अब HAL पर समय पर डिलीवरी पूरी करने का भारी दबाव है।
अब देखना होगा कि HAL अपने वादे पर कितना खरा उतरता है और भारतीय वायुसेना की भरोसा बहाल कर पाता है या नहीं।