नई दिल्ली: आज संसद में एक दिलचस्प राजनीतिक ड्रामा देखने को मिलेगा, जब केंद्रीय मंत्री किरन रिजिजू लोकसभा में संशोधित Waqf (संशोधन) बिल, 2024 पेश करेंगे। यह बिल, जो Waqf एक्ट 1995 में बदलाव का प्रस्ताव है, सरकार द्वारा पारदर्शिता बढ़ाने और Waqf संपत्तियों के प्रबंधन को सुधारने का उद्देश्य बताकर पेश किया गया है। वहीं, विपक्ष इसे मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाने वाला और असंवैधानिक मानकर इसका विरोध कर रहा है।
क्या है Waqf बिल का विवाद?
केंद्र सरकार का कहना है कि इस बिल का मकसद Waqf बोर्डों में व्याप्त कुप्रबंधन को ठीक करना है, लेकिन विपक्ष इसे मुस्लिम समुदाय के खिलाफ साजिश समझ रहा है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों का आरोप है कि यह विधेयक संविधान के खिलाफ है और समाज को बांटने का प्रयास है।
विपक्ष का कड़ा रुख
लोकसभा में आज चर्चा के दौरान विपक्षी INDIA गठबंधन ने इस बिल का जमकर विरोध करने का ऐलान किया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे और KC वेणुगोपाल समेत विपक्षी नेताओं ने एकजुट होकर इसे असंवैधानिक और विभाजनकारी बताया है। मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “सभी विपक्षी दल एकजुट हैं और हम इस असंवैधानिक और मोदी सरकार के विभाजनकारी एजेंडे को संसद में हराकर रहेंगे।”
सरकार का पक्ष: ‘यह है पारदर्शिता के लिए जरूरी’
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने इस बिल का बचाव करते हुए कहा है कि यह बिल Waqf संपत्तियों के प्रबंधन को पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए जरूरी है। उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वे गलत तरीके से इसे सियासी मुद्दा बना रहे हैं और जनता को गुमराह कर रहे हैं।
बीजेपी और कांग्रेस के 3-लाइन व्हिप
बिल के समर्थन और विरोध में दोनों प्रमुख दलों ने अपने सांसदों के लिए 3-लाइन व्हिप जारी किया है। बीजेपी और उसके सहयोगी दल इस बिल का समर्थन करेंगे, जबकि विपक्षी INDIA गठबंधन इसे संसद में हर हाल में विरोध करने का मन बना चुका है।
न्यायिक स्थिति पर बहस
विपक्ष का कहना है कि यह बिल संविधान और भारतीय धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों के खिलाफ है, और इसका उद्देश्य मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाना है। वहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस बिल का समर्थन किया है और कहा है कि Waqf संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार की आवश्यकता है।
बिल की राह में क्या है?
सरकार के पास लोकसभा में बहुमत है, और इसके जरिए बिल के पास होने की संभावना अधिक है। हालांकि, विपक्षी दल इसके विरोध में हंगामा करने के लिए तैयार हैं। टीएमसी सांसद ममता बनर्जी ने कहा, “हम चर्चा में भाग लेंगे और वोटिंग भी करेंगे। हम चाहते हैं कि चर्चा हो, लेकिन बीजेपी इस पर चर्चा नहीं चाहती।”
आज का दिन संसद में इस बिल को लेकर गरमागरम बहस का गवाह बनेगा, जहां सरकार और विपक्ष के बीच न केवल शब्दों का, बल्कि विचारधाराओं का भी टकराव होगा।