
तिरुपति: तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) के लिए ब्लैकलिस्टेड कंपनी भोले बाबा ऑर्गेनिक डेयरी प्राइवेट लिमिटेड द्वारा कथित रूप से प्रॉक्सी कंपनियों के जरिए मिलावटी घी की आपूर्ति का बड़ा मामला सामने आया है। यह खुलासा रिमांड रिपोर्ट में हुआ है, जिसमें चार लोगों के खिलाफ आरोप लगाए गए हैं, जिनमें भोले बाबा डेयरी के पूर्व निदेशक और वैष्णवी डेयरी व एआर डेयरी के अधिकारी शामिल हैं।
ब्लैकलिस्ट होने के बावजूद जारी रही घी की आपूर्ति
रिपोर्ट के अनुसार, भोले बाबा डेयरी को 2022 में टेंडर प्रक्रिया से अयोग्य घोषित कर दिया गया था, क्योंकि उसकी निर्माण प्रक्रियाएं “संतोषजनक नहीं” पाई गई थीं। इसके बावजूद, कंपनी ने वैष्णवी डेयरी और एआर डेयरी के जरिए तिरुपति मंदिर में घी की आपूर्ति जारी रखी।
TTD को घी की आपूर्ति करने वाली वैष्णवी डेयरी ने 2020 में और एआर डेयरी ने मार्च 2024 में टेंडर हासिल किया, लेकिन जांच में पाया गया कि एआर डेयरी ने नकली दस्तावेजों के जरिए यह टेंडर लिया था।
मिलावटी घी की आपूर्ति का बड़ा खुलासा
रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि एआर डेयरी को मंदिर में एगमार्क (Agmark) गुणवत्ता वाला घी सप्लाई करना था, लेकिन इसके बजाय उसने मिलावटी घी दिया। यह घी वैष्णवी डेयरी से लिया गया था, जिसने इसे ब्लैकलिस्टेड भोले बाबा डेयरी से खरीदा था।
इस घोटाले से न केवल मंदिर प्रशासन की आपूर्ति श्रृंखला की पारदर्शिता पर सवाल खड़े हुए हैं, बल्कि भगवान वेंकटेश्वर को चढ़ाए जाने वाले प्रसिद्ध लड्डू प्रसादम की गुणवत्ता पर भी संदेह गहरा गया है। TTD हर दिन करीब 15,000 किलोग्राम घी का उपयोग करता है, जिससे यह मामला और गंभीर हो गया है।
राजनीतिक विवादों में घिरी आंध्र प्रदेश सरकार
इस घोटाले ने आंध्र प्रदेश की राजनीति में भी भूचाल ला दिया है। तेलुगु देशम पार्टी (TDP) ने पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की सरकार पर आरोप लगाया कि उसने “तिरुपति के सबसे पवित्र प्रसाद के साथ खिलवाड़ किया।”
CBI और अन्य एजेंसियां कर रहीं जांच
मामले की गंभीरता को देखते हुए केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI), आंध्र प्रदेश सरकार और खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण (FSSAI) की पांच सदस्यीय टीम इस पूरे घोटाले की जांच कर रही है।
अब सवाल यह उठता है कि क्या तिरुपति मंदिर प्रशासन इस घोटाले पर सख्त कदम उठाएगा या यह मामला भी अन्य घोटालों की तरह राजनीति और जांच के दायरे में ही उलझ कर रह जाएगा?