रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रविवार को बेंगलुरू में BEML में स्लीपर कोच का निरीक्षण करने के बाद कहा कि वंदे स्लीपर कोच का यात्री परिचालन अब से तीन महीने में शुरू होने की उम्मीद है। निरीक्षण के बाद वैष्णव ने संवाददाताओं से कहा, “हमें उम्मीद है कि वंदे स्लीपर कोच का यात्री परिचालन अब से तीन महीने में शुरू हो जाएगा। यह पूर्ण स्लीपर संस्करण है।”
पहली बार मंत्री ने नए स्लीपर कोच के किराए का भी संकेत दिया। समाचार एजेंसी ANI से बात करते हुए उन्होंने कहा, “यह मध्यम वर्ग की सवारी है, इसलिए किफ़ायती किराया रखा जाएगा। राजधानी के साथ इसको बेंचमार्क करके रखा जाएगा।”
मंत्री ने कहा कि वंदे स्लीपर कोच का निर्माण पूरा हो चुका है और यह आने वाले कुछ दिनों में BEML कारखाने से बाहर आ जाएगा। वैष्णव ने कहा, “वंदे भारत चेयर कार की सफलता के बाद, वंदे स्लीपर का निर्माण और डिजाइनिंग कुछ ऐसा था जिसका हम सभी को इंतजार था। हम सभी इसके निर्माण पर काम कर रहे थे। यह निर्माण पूरा हो चुका है। आने वाले दिनों में बीईएमएल फैक्ट्री से वंदे स्लीपर बनकर तैयार हो जाएगा।”
उन्होंने कहा “यह एक लंबी यात्रा थी। नई ट्रेन का डिजाइन बनाना जटिल काम है। वंदे स्लीपर में कई नई विशेषताएं हैं, ये परियोजनाएं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में महत्वाकांक्षी भारत को दर्शाती हैं।”
वंदे भारत ट्रेनों में नई विशेषताओं के बारे में बताते हुए वैष्णव ने कहा कि नई ट्रेनों में कई चीजों का ध्यान रखा गया है। “चार ट्रेनें, वंदे चेयर कार, वंदे स्लीपर, वंदे मेट्रो और अमृत भारत को आधुनिक तकनीक, सुरक्षा और लोको पायलटों और सेवा कर्मचारियों के लिए विशेष सुविधाओं जैसी कई चीजों को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है।”
मंत्री ने किराए पर भी बात की, जिसके बारे में उन्होंने कहा कि यह ‘किफायती’ होगा। “यह मध्यम वर्ग के लोगों के लिए परिवहन का साधन है, इसलिए इसका किराया किफायती होगा। इस ट्रेन में बहुत सारे सुरक्षा फीचर हैं। साथ ही, डिजाइन में भी बहुत सारे इनोवेशन किए गए हैं। मेंटेनेंस स्टाफ के लिए अलग से केबिन बनाया गया है। इस ट्रेन की तुलना दुनिया की सबसे अच्छी ट्रेनों से की जा सकती है।”
पिछले साल मार्च में रेल मंत्रालय ने कहा था कि उसने तीन अलग-अलग तकनीकों वाली 400 वंदे भारत ट्रेनें (स्लीपर वर्जन) बनाने की योजना बनाई है। रेलवे ने कहा कि उसने 200 किलोमीटर प्रति घंटे की गति क्षमता वाली वंदे-भारत स्लीपर ट्रेनें बनाने की परिकल्पना की है।