दिग्गज अभिनेता-निर्माता धीरज कुमार का निधन, 79 वर्ष की उम्र में ली अंतिम सांस

दिग्गज अभिनेता-निर्माता धीरज कुमार का निधन, 79 वर्ष की उम्र में ली अंतिम सांस
दिग्गज अभिनेता-निर्माता धीरज कुमार का निधन, 79 वर्ष की उम्र में ली अंतिम सांस

नई दिल्ली/मुंबई: भारतीय टेलीविजन और फिल्म जगत के प्रसिद्ध अभिनेता, निर्माता और निर्देशक धीरज कुमार का मंगलवार सुबह निधन हो गया। वह 79 वर्ष के थे और पिछले कुछ दिनों से न्युमोनिया से पीड़ित थे। उन्हें शनिवार शाम को मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां मंगलवार सुबह 11:40 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। निधन के समय उनके बेटे आशुतोष कुमार और पत्नी की देखरेख करने वाली नर्स नेहा अस्पताल में मौजूद थीं।

परिवार का आधिकारिक वक्तव्य

धीरज कुमार के परिवार की ओर से जारी बयान में कहा गया है:

हमें बड़े दुख के साथ सूचित करना पड़ रहा है कि अभिनेता, निर्माता और निर्देशक धीरज कुमार का निधन हो गया है। वे कार्डियक अरेस्ट के कारण हमें छोड़ गए। वे पिछले कुछ दिनों से कोकिलाबेन अस्पताल में वेंटिलेटर पर थे। मनोरंजन उद्योग ने एक बहुआयामी प्रतिभा को खो दिया है। हमारी प्रार्थनाएं उनके परिवार, मित्रों और प्रशंसकों के साथ हैं।

असली नाम था धीरज कोचर

बहुत कम लोग जानते हैं कि धीरज कुमार का असली नाम धीरज कोचर था। वे मुंबई के लोखंडवाला क्षेत्र में रहते थे। उनके परिवार में पत्नी जुबी कोचर और एक बेटा आशुतोष हैं, जो अभी 18 साल के हैं और फिल्म इंडस्ट्री से नहीं जुड़े हैं। बताया जा रहा है कि उनकी पत्नी की तबीयत भी लंबे समय से खराब चल रही थी, जिस कारण वह अस्पताल नहीं जा सकीं।

बहुआयामी करियर: अभिनेता से निर्माता-निर्देशक तक

धीरज कुमार का करियर 1965 में एक टैलेंट शो से शुरू हुआ, जिसमें वे राजेश खन्ना और सुभाष घई के साथ फाइनलिस्ट थे। राजेश खन्ना विजेता बने थे, लेकिन धीरज कुमार ने भी बॉलीवुड में अपनी अभिनय यात्रा की सफल शुरुआत की।

अभिनेता के रूप में

धीरज कुमार ने ‘रातों का राजा’, ‘शराफत छोड़ दी मैंने’, ‘रोटी कपड़ा और मकान’, ‘सर्गम’, ‘क्रांति’, ‘मन भरण सजना’ जैसी फिल्मों में महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाईं। उन्होंने 21 पंजाबी फिल्मों में भी अभिनय किया, जिनमें हाल ही में ‘सज्जन सिंह रंगरूट’, ‘इक संधू हुंदा सी’, ‘वॉर्निंग 2’, और ‘मझैल’ जैसी फिल्में शामिल हैं।

निर्देशक और निर्माता के रूप में

धीरज कुमार ने अपने प्रोडक्शन हाउस ‘क्रिएटिव आई लिमिटेड’ की स्थापना की और इसके तहत ‘ओम नम: शिवाय’, ‘श्री गणेश’, ‘घर की लक्ष्मी बेटियां’, ‘अदालत’, ‘संस्कार’, ‘इश्क़ सुभान अल्लाह’ जैसे कई धार्मिक, पारिवारिक और सामाजिक सीरियल बनाए। उन्होंने बच्चों के लिए जादुई फिल्म ‘आबरा का डाबरा’ और थ्रिलर ‘काशी: इन सर्च ऑफ गंगा’ का निर्देशन भी किया।

टेलीविजन की दुनिया में योगदान

धीरज कुमार को टेलीविजन जगत में उनके धार्मिक और पौराणिक सीरियल्स के लिए खूब सराहा गया। ‘सिंहासन बत्तीसी’, ‘धूप-छांव’, और ‘जोड़ियां कमाल की’ जैसे धारावाहिकों ने उन्हें घर-घर में लोकप्रिय बना दिया था।

अंतिम दर्शन और संस्कार

धीरज कुमार के अंतिम संस्कार बुधवार को मुंबई में किए जाएंगे। फिलहाल परिवार पंजाब से रिश्तेदारों के पहुंचने का इंतजार कर रहा है।

हाल ही में हुई थी सार्वजनिक उपस्थिति

अपने अंतिम दिनों में भी धीरज कुमार सक्रिय थे। उन्होंने हाल ही में नवी मुंबई के खारघर में बने इस्कॉन मंदिर के उद्घाटन में हिस्सा लिया था, जहां उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सनातन धर्म के प्रचार में भूमिका की सराहना की थी। उन्होंने कहा था कि मंदिर में जाकर उन्हें शांति मिली और वहां लोगों का प्रेम उन्हें बहुत भावुक कर गया।

श्रद्धांजलि

धीरज कुमार का निधन भारतीय मनोरंजन जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उनकी कला, समर्पण और योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे।