राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उपराष्ट्रपति पद से जगदीप धनखड़ का इस्तीफा किया स्वीकार, PM Modi ने किया सराहना

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उपराष्ट्रपति पद से जगदीप धनखड़ का इस्तीफा किया स्वीकार, PM Modi ने किया सराहना
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उपराष्ट्रपति पद से जगदीप धनखड़ का इस्तीफा किया स्वीकार, PM Modi ने किया सराहना

नई दिल्ली: भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार को अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को भेजे गए अपने पत्र में कहा कि वे स्वास्थ्य देखभाल को प्राथमिकता देने और चिकित्सकीय सलाह का पालन करने के उद्देश्य से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे रहे हैं। यह इस्तीफा संविधान के अनुच्छेद 67(क) के तहत दिया गया है।

धनखड़ ने अपने पत्र में लिखा, “स्वास्थ्य देखभाल को प्राथमिकता देने और चिकित्सकीय परामर्श का पालन करने के लिए, मैं संविधान के अनुच्छेद 67(क) के अनुसार तत्काल प्रभाव से भारत के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे रहा हूं।”

प्रधानमंत्री मोदी की प्रतिक्रिया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर श्रद्धा और सराहना व्यक्त की। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा,
“जगदीप धनखड़ जी को देश की सेवा के कई अवसर मिले, जिनमें भारत के उपराष्ट्रपति के रूप में सेवा देना भी शामिल है। मैं उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता हूं।”

प्रधानमंत्री मोदी ने धनखड़ के दीर्घकालिक सार्वजनिक सेवा जीवन को सराहा और उनकी भूमिका को सदन के संचालन से लेकर जनहित से जुड़े मुद्दों तक महत्वपूर्ण बताया।

जगदीप धनखड़ का राजनीतिक सफर

जगदीप धनखड़ ने एक वरिष्ठ वकील और अनुभवी राजनेता के रूप में सार्वजनिक जीवन की शुरुआत की थी। वे राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के उम्मीदवार के रूप में 6 अगस्त 2022 को हुए उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को हराकर चुने गए थे। उन्होंने 528 वोट हासिल किए, जो पिछले तीन दशकों में किसी भी उपराष्ट्रपति को मिले सबसे अधिक मत थे।

उप राष्ट्रपति बनने से पहले वे पश्चिम बंगाल के राज्यपाल थे, जहां राज्य सरकार के साथ उनके तनावपूर्ण संबंध कई बार राष्ट्रीय चर्चा का विषय बने। इससे पहले, वे सांसद और केंद्रीय मंत्री के रूप में भी देश की सेवा कर चुके हैं।

आगे की प्रक्रिया

धनखड़ के इस्तीफे के बाद अब नए उपराष्ट्रपति की नियुक्ति के लिए संविधान सम्मत प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी। इस अप्रत्याशित घटनाक्रम ने राजनीतिक हलकों में हलचल पैदा कर दी है, और अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सत्तारूढ़ दल अगला उम्मीदवार किसे बनाता है।

धनखड़ का इस्तीफा न केवल उनके स्वास्थ्य की गंभीरता को दर्शाता है, बल्कि एक ऐसे दौर का भी अंत है जिसमें उन्होंने संसदीय कार्य संस्कृति में अपनी अलग पहचान बनाई।