नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट के सुपरस्टार विराट कोहली ने सोमवार, 12 मई को टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर क्रिकेट प्रेमियों और विशेषज्ञों को हैरान कर दिया। 36 वर्षीय कोहली, जो हमेशा से टेस्ट फॉर्मेट को अपना पहला प्यार बताते रहे हैं, ने अचानक यह फैसला लेकर सबको चौंका दिया।
कोहली का सपना था कि वे टेस्ट क्रिकेट में 10,000 रन पूरे करें, लेकिन उन्होंने 123 टेस्ट मैचों में 9270 रन बनाकर अपने करियर को विराम दिया, और 730 रन दूर रह गए इस मील के पत्थर से।
शास्त्री बोले – ‘समय सही था’
पूर्व भारतीय कोच रवि शास्त्री, जो विराट के बेहद करीबी माने जाते हैं, उन्होंने कहा कि यह फैसला पूरी तरह सोच-समझकर लिया गया और विराट को कोई पछतावा नहीं है।
“मैंने उनसे एक हफ्ते पहले बात की थी। उनका मन साफ था—’मैंने सब कुछ दे दिया है’,” शास्त्री ने ICC Review में कहा।
“उनके मन ने उनके शरीर को संकेत दे दिया था कि अब समय आ गया है।”
शास्त्री ने यह भी जोड़ा कि विराट अब ODI क्रिकेट और फ्रैंचाइज़ी लीग्स में पूरी ऊर्जा के साथ खेलना चाहते हैं। उन्होंने कहा,
“अब वो वनडे फॉर्मेट में कुछ बड़ा करना चाहते हैं। और उनके पास बहुत सी फ्रैंचाइज़ी क्रिकेट भी बाकी है।”
भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तान
टेस्ट से संन्यास लेने वाले विराट कोहली, भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तान भी हैं।
- 68 टेस्ट में कप्तानी
- 40 में जीत
- भारत को विदेशों में मिली ऐतिहासिक जीतें और आक्रामक क्रिकेट की नई पहचान दिलाई।
कोहली का ‘बड़ा फैसला’ या जल्दबाज़ी?
जहां कुछ फैंस विराट के इस फैसले को “समय की पुकार” मान रहे हैं, वहीं कुछ इसे “10 हजार रन का अधूरा सपना” बता रहे हैं। लेकिन एक बात तय है—विराट कोहली ने भारतीय टेस्ट क्रिकेट को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। अब सबकी नजरें होंगी विराट के ODI और IPL सफर पर। क्या सफेद बॉल क्रिकेट में कोहली फिर मचाएंगे धमाल?