Waqf (Amendment) Bill 2024: JPC ने NDA के संशोधनों को दी मंजूरी, विपक्ष ने जेपीसी अध्यक्ष पर लगाया बड़ा आरोप

Waqf (Amendment) Bill, 2024: JPC ने NDA के संशोधनों को दी मंजूरी, विपक्ष ने जेपीसी अध्यक्ष पर लगाया बड़ा आरोप
Waqf (Amendment) Bill, 2024: JPC ने NDA के संशोधनों को दी मंजूरी, विपक्ष ने जेपीसी अध्यक्ष पर लगाया बड़ा आरोप

वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर विचार कर रही संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) ने सोमवार को सत्तारूढ़ एनडीए गठबंधन द्वारा प्रस्तावित सभी संशोधनों को मंजूरी दे दी। समिति में विपक्षी INDIA गठबंधन द्वारा प्रस्तुत सभी संशोधनों को 10:16 के अंतर से खारिज कर दिया गया।

प्रमुख संशोधन क्या हैं?

विधेयक के एक महत्वपूर्ण संशोधन के अनुसार, मौजूदा वक्फ संपत्तियों को ‘वक्फ बाय यूजर’ (उपयोग के आधार पर वक्फ) के आधार पर चुनौती नहीं दी जा सकती। हालाँकि, इसके लिए शर्त यह है कि संपत्ति धार्मिक उद्देश्यों के लिए उपयोग हो रही हो।

इसके अतिरिक्त, संशोधन में राज्य सरकार के अधिकारियों और जिला मजिस्ट्रेटों को कुछ भूमिकाओं के लिए नियुक्ति की अनुमति दी गई है। वक्फ ट्रिब्यूनल के सदस्यों की संख्या 2 से बढ़ाकर 3 करने का भी प्रस्ताव किया गया है।

जेपीसी अध्यक्ष का पक्ष

जेपीसी के अध्यक्ष और वरिष्ठ बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल ने संशोधनों को “कानून को अधिक प्रभावी और बेहतर बनाने वाला” करार दिया। उन्होंने कहा कि समिति ने एनडीए सदस्यों द्वारा बिल के 14 प्रावधानों में लाए गए संशोधनों को मंजूरी दी है। वहीं, विपक्ष द्वारा बिल के 44 प्रावधानों में किए गए सैकड़ों संशोधनों को वोट के जरिए खारिज कर दिया गया। पाल ने कहा, “यह प्रक्रिया पूरी तरह से लोकतांत्रिक थी और बहुमत की राय के आधार पर निर्णय लिया गया।”

विपक्ष का आरोप

टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने जेपीसी अध्यक्ष पर “तानाशाही” का आरोप लगाते हुए कहा, “यह पूरी प्रक्रिया एक दिखावा थी। हमें सुना ही नहीं गया। पाल ने तानाशाही रवैया अपनाया।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि विपक्ष द्वारा उठाए गए मुद्दों और संशोधनों पर सही से विचार नहीं किया गया।

बीजेपी सांसद का जवाब

बीजेपी सांसद अपराजिता सारंगी ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि समिति ने पूरी प्रक्रिया के दौरान सभी पक्षों को पर्याप्त समय दिया। उन्होंने बताया कि बिल पर 34 बैठकें हो चुकी हैं और 108 घंटे से अधिक समय इस पर चर्चा में लगाए गए हैं। सारंगी ने कहा, “हमने 284 से अधिक हितधारकों से सलाह ली है और उनकी राय को महत्वपूर्ण माना गया है। विपक्ष सिर्फ हंगामा करने में लगा हुआ था।”

क्या है आगे का रास्ता?

जेपीसी की मंजूरी के बाद अब वक्फ संशोधन बिल 2024 संसद में पेश होगा। एनडीए का कहना है कि यह विधेयक वक्फ प्रबंधन को अधिक पारदर्शी और सशक्त बनाएगा, जबकि विपक्ष इसे अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों को कमजोर करने वाला मान रहा है। यह विधेयक सियासी और कानूनी बहस का केंद्र बन गया है। आने वाले दिनों में इस पर संस

Digikhabar Team
DigiKhabar.in हिंदी ख़बरों का प्रामाणिक एवं विश्वसनीय माध्यम है जिसका ध्येय है "केवलं सत्यम" मतलब केवल सच सच्चाई से समझौता न करना ही हमारा मंत्र है और निष्पक्ष पत्रकारिता हमारा उद्देश्य.