नॉर्वेजियन नोबेल समिति ने 10 अक्टूबर 2025 को वेनेजुएला की लोकतंत्र समर्थक नेता मारिया कोरिना मचाडो को 2025 का नोबेल शांति पुरस्कार देने की घोषणा की है। इस साल शांति पुरस्कार के लिए कुल 338 व्यक्तियों और संगठनों को नामांकित किया गया था, जिनकी सूची अगले 50 वर्षों तक गोपनीय रखी जाएगी।
मारिया कोरिना मचाडो वेनेजुएला में लोकतांत्रिक अधिकारों को बढ़ावा देने और तानाशाही से लोकतंत्र की ओर न्यायपूर्ण एवं शांतिपूर्ण बदलाव लाने के लिए अपने अथक प्रयासों के लिए जानी जाती हैं। वे वेनेजुएला के गहराई से विभाजित विपक्ष को एकजुट कर स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव की मांग के लिए प्रमुख भूमिका निभा रही हैं। मचाडो ने लोकतांत्रिक विकास को बढ़ावा देने के लिए ‘सुमेट’ नामक संगठन की स्थापना की है और पिछले 20 वर्षों से लोकतंत्र की लड़ाई लड़ रही हैं।
2024 के चुनावों में वे विपक्ष की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार थीं, लेकिन तानाशाही शासन ने उनकी उम्मीदवारी को रोक दिया। इसके बाद उन्होंने विपक्ष के एक अन्य प्रत्याशी एडमंडो गोंजालेज उरुटिया का समर्थन किया। चुनाव के बाद विपक्ष ने देश में खुद वोटों की गिनती कर जीत दर्ज की, लेकिन शासन ने परिणाम स्वीकार नहीं किया और सत्ता से चिपका रहा। मचाडो को अपनी सुरक्षा के कारण छिपकर रहना पड़ा, बावजूद इसके वह देश में ही रहीं और लाखों लोगों के लिए प्रेरणा बनीं।
नोबेल पुरस्कार विजेताओं को 10 दिसंबर को अल्फ्रेड नोबेल की पुण्यतिथि पर 11 मिलियन स्वीडिश क्रोनर (लगभग साढ़े दस करोड़ रुपये), 18 कैरेट का गोल्ड मेडल और एक डिप्लोमा प्रदान किया जाएगा।
इस साल 2025 के लिए चिकित्सा, भौतिक विज्ञान, रसायन शास्त्र और साहित्य के नोबेल पुरस्कार भी दिए जा चुके हैं। चिकित्सा में मैरी ई. ब्रंको, फ्रेड रैम्सडेल और डॉ. शिमोन सकागुची को, भौतिक विज्ञान में जॉन क्लार्क, मिशेल एच. डेवोरेट और जॉन एम. मार्टिनिस को, रसायन शास्त्र में सुसमू कितागावा, रिचर्ड रॉबसन और ओमर एम यागी को तथा साहित्य में हंगरी के लास्ज़लो क्रास्ज़्नाहोरकाई को सम्मानित किया गया है। अब शांति पुरस्कार के बाद अंतिम नोबेल पुरस्कार, आर्थिक विज्ञान का पुरस्कार अगले सोमवार को घोषित किया जाएगा।