Who was Ranjan Pathak: दिल्ली मुठभेड़ में मारा गया बिहार का कुख्यात ‘सिग्मा गैंग’ सरगना रंजन पाठक

Who was Ranjan Pathak: दिल्ली मुठभेड़ में मारा गया बिहार का कुख्यात ‘सिग्मा गैंग’ सरगना रंजन पाठक
Who was Ranjan Pathak: दिल्ली मुठभेड़ में मारा गया बिहार का कुख्यात ‘सिग्मा गैंग’ सरगना रंजन पाठक

नई दिल्ली: दिल्ली के रोहिणी इलाके में बुधवार देर रात हुई एक बड़ी पुलिस मुठभेड़ में बिहार का कुख्यात गैंगस्टर रंजन पाठक मारा गया। इस एनकाउंटर में उसके तीन सहयोगी भी ढेर हो गए। यह कार्रवाई दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच और बिहार पुलिस की संयुक्त टीम ने की थी।

कौन था रंजन पाठक?

रंजन पाठक बिहार के सीतामढ़ी जिले का रहने वाला और कुख्यात आपराधिक गिरोह ‘सिग्मा एंड कंपनी’ का सरगना था। महज 25 साल की उम्र में उसने अपराध की दुनिया में बड़ी पहचान बना ली थी। उसका गैंग बिहार के साथ-साथ झारखंड, उत्तर प्रदेश और नेपाल सीमा तक फैला हुआ था।

उसका गिरोह रंगदारी वसूली, सुपारी किलिंग, अवैध हथियारों की आपूर्ति और कई बड़े हत्याकांडों में शामिल था। रंजन पाठक ने अपने गैंग के नाम की घोषणा एक पर्चे के ज़रिए की थी, जिसमें उसने “Sigma and Company” का नाम सार्वजनिक किया था।

हत्याओं की लंबी श्रृंखला

पाठक के गिरोह ने सीतामढ़ी में आदित्य सिंह की हत्या के बाद परोहा पंचायत की मुखिया रानी देवी के जीजा मदन कुशवाहा की हत्या की थी। इसके अलावा ब्रहमर्षि सेना के जिला अध्यक्ष राम मनोहर शर्मा को भी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

मीडिया को फोन कर इन हत्याओं की जिम्मेदारी खुद रंजन पाठक ने ली थी। पर्चे में उसने पुलिस पर भी गंभीर आरोप लगाए थे, यह कहते हुए कि जिला पुलिस भ्रष्टाचार, जातीय राजनीति और समाज विरोधी तत्वों के प्रभाव में काम कर रही है। उसने दावा किया था कि पुलिस ने रिश्वत लेकर उसे झूठे मामलों में फंसा दिया, जिससे वह अपराध के रास्ते पर चला गया।

शेओहर में दिनदहाड़े हत्या

सीतामढ़ी से सटे शेओहर जिले में भी रंजन पाठक और उसके साथियों ने दिनदहाड़े गुड्डू झा की हत्या कर दी थी। इस मामले में पुलिस और एसटीएफ के साथ मुठभेड़ के दौरान उसके कुछ साथी घायल हुए, लेकिन रंजन पाठक भागने में सफल रहा था। उसके खिलाफ हत्या, लूट और रंगदारी वसूली के कई मामले दर्ज थे।

दिल्ली में हुआ अंत

कई महीनों से पुलिस उसकी गतिविधियों पर नजर रखे हुए थी। चुनाव से पहले किसी बड़ी वारदात को रोकने के लिए पुलिस ने दिल्ली में उसके ठिकाने की पहचान की और बुधवार देर रात संयुक्त अभियान चलाया। इस दौरान हुई मुठभेड़ में रंजन पाठक और उसके तीन साथियों की मौत हो गई। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, यह कार्रवाई बिहार विधानसभा चुनावों से पहले सुरक्षा सुनिश्चित करने और राज्य में अपराधियों की साजिशों को नाकाम करने के उद्देश्य से की गई थी।

Pushpesh Rai
एक विचारशील लेखक, जो समाज की नब्ज को समझता है और उसी के आधार पर शब्दों को पंख देता है। लिखता है वो, केवल किताबों तक ही नहीं, बल्कि इंसानों की कहानियों, उनकी संघर्षों और उनकी उम्मीदों को भी। पढ़ना उसका जुनून है, क्योंकि उसे सिर्फ शब्दों का संसार ही नहीं, बल्कि लोगों की ज़िंदगियों का हर पहलू भी समझने की इच्छा है।