कौन है Anita Anand जो बन सकती हैं कनाडा की अगली प्रधानमंत्री

कौन है Anita Anand जो बन सकती हैं कनाडा की अगली प्रधानमंत्री
कौन है Anita Anand जो बन सकती हैं कनाडा की अगली प्रधानमंत्री

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने अपने पद से लिबरल पार्टी के नेता के रूप में इस्तीफा दे दिया है, हालांकि वह तब तक प्रधानमंत्री बने रहेंगे जब तक नया नेता चुन नहीं लिया जाता। यह निर्णय पार्टी के भीतर बदलाव की ओर इशारा करता है, और अब पार्टी को अगले आम चुनाव से पहले अपने नए नेता का चुनाव करना होगा।

हालांकि, हालिया चुनाव सर्वेक्षणों में लिबरल पार्टी की स्थिति काफी कमजोर दिखाई दे रही है और यह पार्टी आगामी चुनावों में हार की ओर बढ़ती नजर आ रही है। ट्रूडो के इस्तीफे के बाद अब कई नाम सामने आ रहे हैं, जो कनाडा के अगले प्रधानमंत्री और लिबरल पार्टी के नए नेता के रूप में उभर कर आ सकते हैं। इनमें पूर्व उप प्रधानमंत्री क्रिस्टीआ फ्रीलैंड, विदेश मंत्री मेलानी जोली और परिवहन मंत्री अनीता आनंद जैसे नाम प्रमुख हैं।

अनीता आनंद का नाम चर्चा में

नए प्रधानमंत्री के रूप में अनीता आनंद का नाम सबसे अधिक चर्चा में है। अनीता आनंद भारतीय मूल की एक नेता हैं, जिनके माता-पिता 1960 के दशक में नाइजीरिया से कनाडा के केंटविल, नोवा स्कोटिया में बस गए थे। अनीता के माता-पिता डॉक्टर थे और उनके दो और बहनें भी हैं। अनीता ने ऑक्सफोर्ड और क्वीन यूनिवर्सिटी से अपनी शिक्षा प्राप्त की और डलहौजी यूनिवर्सिटी से कानून की डिग्री ली। इसके बाद उन्होंने टोरंटो विश्वविद्यालय से लॉ में मास्टर्स की डिग्री भी प्राप्त की।

अनीता आनंद को लिबरल पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के समूह में सबसे महत्वाकांक्षी नेताओं में से एक माना जाता है। 57 वर्षीय अनीता ने 2019 में राजनीति में कदम रखा और ओकविल, टोरंटो के बाहरी इलाके से सांसद चुनी गईं। नवंबर 2019 से अक्टूबर 2021 तक वह सार्वजनिक सेवाओं और आपूर्ति मंत्री के रूप में काम कर चुकी हैं।

कनाडा की पहली हिंदू महिला सांसद और मंत्री

अनीता आनंद खुद को कनाडा की पहली हिंदू महिला सांसद और पहली हिंदू कैबिनेट मंत्री के रूप में पहचानती हैं। सांसद बनने के बाद वह एक मंत्री के रूप में कोविड-19 महामारी के दौरान जिम्मेदारियों का सामना कर रही थीं। उन्हें वैक्सीन और पीपीई किट्स की आपूर्ति सुनिश्चित करने का कार्य सौंपा गया था।

2021 में, उनके कार्यों को देखते हुए उन्हें रक्षा मंत्रालय का पद सौंपा गया। इस दौरान उन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध में कनाडा की सहायता प्रदान करने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके अलावा, कनाडाई सैन्य बलों में यौन उत्पीड़न के आरोपों के संकट से भी उन्हें निपटना पड़ा।

मंत्रिमंडल फेरबदल और अनीता आनंद की स्थिति

हालांकि, अनीता आनंद को अचानक रक्षा मंत्रालय से हटा दिया गया और उन्हें ट्रेजरी बोर्ड का कार्य सौंपा गया। यह कदम उनके राजनीतिक विरोधियों द्वारा उनकी पार्टी नेतृत्व की महत्वाकांक्षा को दंडित करने के रूप में देखा गया। दिसम्बर में हुए एक मंत्रिमंडल फेरबदल में उन्हें फिर से परिवहन मंत्री और आंतरिक व्यापार मंत्री के रूप में जिम्मेदारी दी गई।

अंत में

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफे के बाद अनीता आनंद के नेतृत्व में बदलाव की संभावना ने राजनीतिक हलकों में काफी चर्चा पैदा कर दी है। उनका अनुभव, विशेष रूप से रक्षा और सार्वजनिक सेवाओं के क्षेत्रों में, उन्हें पार्टी के लिए एक मजबूत उम्मीदवार बनाता है। अब देखना यह है कि लिबरल पार्टी में कौन सा नेता उभरकर सामने आता है और कनाडा की राजनीतिक दिशा को प्रभावित करता है।

Digikhabar Team
DigiKhabar.in हिंदी ख़बरों का प्रामाणिक एवं विश्वसनीय माध्यम है जिसका ध्येय है "केवलं सत्यम" मतलब केवल सच सच्चाई से समझौता न करना ही हमारा मंत्र है और निष्पक्ष पत्रकारिता हमारा उद्देश्य.