पटना के गर्दनीबाग धरनास्थल पर बीपीएससी (Bihar Public Service Commission) की 70वीं पीटी परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर अभ्यर्थियों का धरना आज भी 11वें दिन जारी है। अभ्यर्थी लगातार परीक्षा रद्द करने और पेपर लीक जैसे गंभीर मुद्दों पर ध्यान आकर्षित करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
धरने में शामिल छात्र-छात्राओं की मांग है कि बिहार के अन्य सरकारी परीक्षाओं की तरह बीपीएससी परीक्षा भी पारदर्शी तरीके से आयोजित की जाए, ताकि विद्यार्थियों का भविष्य सुरक्षित रहे। आज दोपहर 2:30 बजे जन सुराज पार्टी के नेता प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) धरनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने अभ्यर्थियों से मुलाकात की और उनके समर्थन में खुलकर बयान दिया।
पहले खबरें आ रही थीं कि बीपीएससी अभ्यर्थी सीएम हाउस तक पैदल मार्च करेंगे, जैसा कि प्रशांत किशोर ने पहले ऐलान किया था। लेकिन अब योजना में बदलाव किया गया है। अब कल से यह आंदोलन पटना के गांधी मैदान में स्थानांतरित हो जाएगा। यहां, गांधी मूर्ति के पास, दोपहर 12 बजे से धरना प्रदर्शन शुरू होगा। इसे ‘छात्र संसद’ नाम दिया गया है।
प्रशांत किशोर का बयान
प्रशांत किशोर ने छात्रों से बातचीत के दौरान कहा, “हम अभ्यर्थियों का पूरी तरह से समर्थन करते हैं। हम कल गांधी मैदान में छात्र संसद में शामिल होंगे। यह बच्चों के भविष्य का सवाल है। बिहार में कोई भी परीक्षा बिना पेपर लीक के नहीं होती। यह समस्या अब हमेशा के लिए खत्म करनी होगी।”
उन्होंने आगे कहा, “अब यह तय करना है कि हमें यह लड़ाई कैसे आगे बढ़ानी है। गांधी मैदान में होने वाली छात्र संसद में शिक्षाविद, छात्र और उनके परिवार वाले भी शामिल होंगे। पुलिस को छात्रों को डराने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। हमारे पार्टी के लोग छात्र-छात्राओं का बचाव करेंगे। नीतीश कुमार लाठी तंत्र नहीं चला सकते।”
राजनीतिक दलों का समर्थन
बीपीएससी अभ्यर्थियों के धरने को अब राजनीतिक दलों का भी समर्थन मिल रहा है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और सांसद पप्पू यादव के बाद अब प्रशांत किशोर ने भी इस आंदोलन में शामिल होकर उनका समर्थन किया है।
पहले बीपीएससी अभ्यर्थी गर्दनीबाग से सीएम हाउस तक पदयात्रा करने की योजना बना रहे थे, लेकिन अब गांधी मैदान से ही धरना शुरू किया जाएगा। इस बदलाव के बाद, छात्र अब और अधिक मजबूती से अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतरने के लिए तैयार हैं।
आगे की योजना
कल से गांधी मैदान में होने वाली ‘छात्र संसद’ में बड़ी संख्या में छात्रों के शामिल होने की उम्मीद है। इस कार्यक्रम में अभ्यर्थी, उनके परिवार और समाज के विभिन्न वर्गों के लोग भी शामिल होंगे। साथ ही, यह प्रदर्शन एक बार फिर से बिहार सरकार को यह संदेश देने का प्रयास करेगा कि विद्यार्थियों के भविष्य से जुड़ी समस्याओं पर तत्काल कार्रवाई की जरूरत है।
इस धरने का उद्देश्य यह है कि बीपीएससी परीक्षा और अन्य सरकारी परीक्षाओं के संचालन में पारदर्शिता हो और पेपर लीक जैसी समस्याओं को हमेशा के लिए खत्म किया जाए।
अब यह देखना होगा कि गांधी मैदान में होने वाले इस नए धरने के बाद बिहार सरकार क्या कदम उठाती है और अभ्यर्थियों की मांग पर कब तक कोई कार्रवाई होती है।