नई दिल्ली, 30 दिसंबर 2024: दिल्ली विधानसभा चुनावों से पहले दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को एक नई योजना की घोषणा की है, जिसके तहत दिल्ली के मंदिर पुजारियों और गुरुद्वारा ग्रंथियों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। ‘पुजारी-ग्रंथी सम्मान योजना’ के तहत दिल्ली में मंदिरों के पुजारियों और गुरुद्वारों के ग्रंथियों को हर महीने 18,000 रुपये का मानदेय दिया जाएगा।
केजरीवाल ने इस योजना के बारे में बताते हुए कहा, “आज हम एक महत्वपूर्ण घोषणा कर रहे हैं। इस योजना का नाम है ‘पुजारी-ग्रंथी सम्मान योजना’। इसके तहत मंदिरों के पुजारियों और गुरुद्वारों के ग्रंथियों को हर महीने लगभग 18,000 रुपये का मानदेय दिया जाएगा। यह पहल देश में पहली बार हो रही है।”
उन्होंने आगे कहा, “पुजारी और ग्रंथी वह वर्ग हैं जिन्होंने पीढ़ी दर पीढ़ी धार्मिक अनुष्ठान किए हैं। उन्होंने अपनी परिवारिक स्थिति पर ध्यान नहीं दिया, और हम कभी उनके बारे में नहीं सोचे। अब समय आ गया है कि हम उन्हें उनकी मेहनत के लिए मानदेय प्रदान करें।”
पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू होगी कल
केजरीवाल ने कहा कि इस योजना के तहत पंजीकरण की प्रक्रिया कल से शुरू हो जाएगी। पंजीकरण के इस अहम मौके पर, वह दिल्ली के कनॉट प्लेस स्थित प्रसिद्ध हनुमान मंदिर का दौरा करेंगे और व्यक्तिगत रूप से पंजीकरण प्रक्रिया का शुभारंभ करेंगे।
इमामों के वेतन को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन
दिलचस्प बात यह है कि केजरीवाल की यह घोषणा दिल्ली में इमामों द्वारा उनके वेतन के भुगतान में देरी को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच आई है। हाल ही में ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के प्रमुख साजिद राशिदी ने दावा किया कि इमामों को पिछले 17 महीने से वेतन नहीं मिला है। उन्होंने दिल्ली सरकार से विधानसभा चुनावों से पहले वक्फ बोर्ड को पैसे जारी करने की अपील की है।
राशिदी ने कहा, “इमामों को पिछले 17 महीनों से वेतन नहीं मिला है। हम दिल्ली सरकार से अपील कर रहे हैं कि वे चुनावों से पहले वक्फ बोर्ड को पैसे जारी करें, क्योंकि MCC लागू होने के बाद पूरी प्रक्रिया रुक जाती है।”
उन्होंने यह भी बताया कि दिल्ली वक्फ बोर्ड के पास फिलहाल कोई सीईओ नहीं है, जिससे वेतन वितरण में और भी देरी हो सकती है। उन्होंने दिल्ली सरकार से अपील की कि वे शीघ्र ही एक पूर्णकालिक सीईओ नियुक्त करें ताकि इमामों के वेतन में कोई और रुकावट न हो।
इमामों के वेतन के मुद्दे पर और जानकारी
राशिदी ने पहले बताया था कि लगभग 250 इमामों का वेतन अभी तक लंबित है और उनका वेतन महज 18,000 रुपये प्रति माह है। उन्होंने कहा, “हम यहां 17 महीने से लंबित वेतन की मांग लेकर आए हैं। करीब 250 इमाम परेशान हैं क्योंकि उनका वेतन नहीं मिला है।”
‘पुजारी-ग्रंथी सम्मान योजना’ और आगामी चुनावों में प्रभाव
केजरीवाल द्वारा घोषणा की गई ‘पुजारी-ग्रंथी सम्मान योजना’ से धार्मिक नेताओं को आर्थिक सहायता मिलना निश्चित रूप से दिल्ली के चुनावी माहौल में एक नया मोड़ ला सकता है। यह कदम दिल्ली के धार्मिक समुदायों को जोड़ने का प्रयास माना जा रहा है और इससे आम आदमी पार्टी को आगामी विधानसभा चुनावों में एक नया आधार मिल सकता है।
वहीं, इमामों के वेतन के मुद्दे पर सरकार की प्रतिक्रिया अभी तक ठंडी रही है, जिससे यह सवाल उठ रहा है कि क्या दिल्ली सरकार अब चुनावों से पहले इस मुद्दे का समाधान करेगी या फिर यह विवाद चुनावी माहौल को प्रभावित करेगा।