भारत में हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस बड़े हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। यह वह ऐतिहासिक दिन है जब देश ने 1950 में अपना संविधान अपनाया और गणराज्य बना। इसलिए यह दिन हर भारतीय के लिए विशेष महत्व रखता है। इस साल देश 76वां गणतंत्र दिवस मनाएगा, लेकिन कई लोगों के मन में यह सवाल है कि यह 76वां है या 77वां।
76वां गणतंत्र दिवस क्यों?
भारत ने अपना संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू किया था। इसे ध्यान में रखते हुए 2025 में यह 76वां गणतंत्र दिवस होगा। इस साल गणतंत्र दिवस का थीम है “स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास”, जो भारत की सांस्कृतिक धरोहर और उज्ज्वल भविष्य की ओर बढ़ते कदमों को रेखांकित करता है।
राजपथ बना कर्तव्य पथ: भव्य परेड की तैयारी
गणतंत्र दिवस का मुख्य आकर्षण कर्तव्य पथ पर आयोजित भव्य परेड होती है। यह परेड भारतीय संस्कृति, परंपरा, और ताकत का प्रदर्शन करती है। इस साल की परेड सुबह 10:00 बजे से शुरू होगी, जिसमें 16 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों और 10 केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों की झांकियां देखने को मिलेंगी।
इस बार के गणतंत्र दिवस की खासियत
- इस साल गणतंत्र दिवस पर इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रभवो सुबियांतो मुख्य अतिथि होंगे।
- इंडोनेशिया की तरफ से 160 सदस्यीय मार्चिंग टुकड़ी और 190 सदस्यीय बैंड भारतीय सशस्त्र बलों के साथ परेड में हिस्सा लेंगे।
- पहली बार गणतंत्र दिवस पर एक त्रि-सेवा झांकी (Tri-services Tableau) भी कर्तव्य पथ पर दिखाई देगी। इसका थीम होगा ‘सशक्त और सुरक्षित भारत’। यह झांकी सशस्त्र बलों की एकजुटता और देश की सुरक्षा में उनके योगदान को प्रदर्शित करेगी।
परेड को कहां देख सकते हैं?
कर्तव्य पथ पर परेड को लाइव देखने के लिए आप टिकट बुक कर सकते हैं। वहीं, जो लोग घर से देखना चाहते हैं, वे इसे अपने टीवी या ऑनलाइन स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म पर देख सकते हैं।
गणतंत्र दिवस: हमारी विरासत और भविष्य का संगम
गणतंत्र दिवस न केवल हमारे संविधान की महिमा का उत्सव है, बल्कि यह दिन देश की विरासत और विकास का प्रतीक है। इस दिन हम उन सभी बलिदानों को याद करते हैं जिन्होंने देश को स्वतंत्र और सशक्त बनाया। साथ ही, यह आने वाले सुनहरे भविष्य के लिए प्रेरणा का स्रोत भी है।
इस गणतंत्र दिवस, हम न केवल अपनी विविधता में एकता का जश्न मनाएंगे, बल्कि यह संकल्प भी लेंगे कि हम अपने देश को प्रगति और शांति की दिशा में आगे बढ़ाएंगे।