नई दिल्ली: समाजवादी पार्टी (एसपी) की राज्यसभा सदस्य और बॉलीवुड अभिनेत्री जया बच्चन ने सोमवार को यूपी सरकार पर तीखा हमला किया। उन्होंने प्रयागराज में हुए महा कुम्भ मेला भगदड़ को लेकर योगी आदित्यनाथ सरकार की लापरवाही पर सवाल उठाए। इस भगदड़ में 30 लोगों की मौत हो गई थी और 60 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।
कुम्भ के पानी को बताया सबसे अधिक प्रदूषित
संविधान सभा के बाहर पत्रकारों से बातचीत करते हुए जया भच्चन ने कहा कि कुम्भ मेला के दौरान प्रयागराज में पानी की गुणवत्ता सबसे खराब है। उन्होंने कहा, “कहाँ पर पानी सबसे अधिक प्रदूषित है? कुम्भ में है। शवों को नदी में फेंका गया है, जिससे पानी प्रदूषित हो गया है। असल मुद्दों को नजरअंदाज किया जा रहा है।”
आम लोगों बनाम वीआईपी
जया भच्चन ने यह भी आरोप लगाया कि महाकुंभ में आम और गरीब लोगों के लिए कोई उचित इंतजाम नहीं किया गया था, जबकि वीआईपी लोगों को विशेष सुविधा दी गई थी। उन्होंने कुम्भ में आयोजित होने वाली विशाल भीड़ पर भी सवाल उठाए और यूपी सरकार द्वारा बताए गए आंकड़ों को संदिग्ध बताया।
उन्होंने सवाल उठाया कि “वे झूठ बोल रहे हैं कि करोड़ों लोग कुम्भ में आए थे, ऐसा कैसे हो सकता है कि इतनी बड़ी संख्या में लोग एक ही जगह इकट्ठा हो सकते हैं?”
बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद ने की जांच की घोषणा
इस बीच, भाजपा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने लोकसभा में कहा कि महाकुंभ मेला भगदड़ की घटना की जांच जारी है।
“महाकुंभ में हुई भगदड़ की घटना की जांच चल रही है। हमें जांच से साजिश की बू आ रही है। जब पूरी जांच पूरी हो जाएगी, तो इस घटना के पीछे जो लोग होंगे, उन्हें शर्मिंदा होना पड़ेगा।”
रविशंकर प्रसाद के बयान के बाद, जांच एजेंसियां इस घटना के साजिश के कोण पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं, जो इस घटना में महत्वपूर्ण हो सकती है।
जांच में मोबाइल डेटा और सीसीटीवी फुटेज का उपयोग
सूत्रों के अनुसार, जांच एजेंसियां 16,000 से ज्यादा मोबाइल नंबरों का डेटा विश्लेषण कर रही हैं, जो उस दिन संगम नोज क्षेत्र में सक्रिय थे। इसके अलावा, सीसीटीवी फुटेज से संदिग्धों की पहचान करने के लिए एक फेस रेकग्निशन ऐप का भी उपयोग किया जा रहा है।
जांच समिति ने किया घटनास्थल का दौरा
शुक्रवार को योगी सरकार द्वारा गठित तीन सदस्यीय न्यायिक समिति ने घटनास्थल का दौरा किया। समिति ने सीसीटीवी फुटेज का अध्ययन किया और महाकुंभ के अधिकारियों से मुलाकात की। इस जांच आयोग को एक महीने का समय दिया गया है, ताकि वे अपनी रिपोर्ट तैयार कर सकें।
महाकुंभ मेला के दौरान हुए इस दिल दहला देने वाली घटना ने यूपी सरकार के लिए कई सवाल खड़े कर दिए हैं, और अब तक की जांच में साजिश के तत्व सामने आने की संभावना जताई जा रही है।