पुणे: स्वारगेट बस स्टैंड पर एक 26 वर्षीय महिला के साथ हुए बलात्कार मामले में पुलिस ने 37 वर्षीय आरोपी दत्तात्रेय गाडे को 75 घंटे की लगातार तलाश के बाद गिरफ्तार कर लिया। पुलिस को उसकी जानकारी तब मिली जब वह अपने गांव में एक घर से भोजन और पानी मांगने पहुंचा।
कैसे हुआ आरोपी का पता?
गाडे, जो घटना के बाद से फरार था, को गुरुवार देर रात पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इस दौरान 13 पुलिस टीमों और 100 से अधिक पुलिसकर्मियों ने पुणे जिले और आसपास के इलाकों में उसकी तलाश की।
गुरुवार रात करीब 10:30 बजे आरोपी को उसके रिश्तेदारों के घर पर देखा गया। परिवार के सदस्यों ने पुलिस को तुरंत सूचना दी। इससे पहले, गाडे ने घर से पानी की बोतल ली और कबूल किया, “मैंने बहुत बड़ी गलती कर दी है, अब मुझे आत्मसमर्पण करना होगा।”
पुलिस को एक शर्ट भी मिली, जिसे आरोपी ने बदल दिया था। डॉग स्क्वॉड की मदद से पुलिस ने उसके छिपने के रास्ते को ट्रैक किया। खोजबीन के दौरान कुत्तों ने पुलिस को एक गन्ने के खेत और नहर के पास तक पहुंचाया, जहां गाडे छिपा हुआ था।
गांववालों ने खोजा, पुलिस ने पकड़ा
आखिरकार, गांववालों ने गाडे को नहर में छिपा हुआ पाया, जिसके बाद पुलिस ने तुरंत उसे हिरासत में ले लिया। उसे पुणे लाकर स्वारगेट पुलिस स्टेशन की विशेष जांच टीम (SIT) ने औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया।
क्या है पूरा मामला?
यह घटना मंगलवार सुबह स्वारगेट बस स्टैंड पर हुई थी। पीड़िता, जो एक मेडिकल प्रोफेशनल है, फलटन जाने के लिए बस का इंतजार कर रही थी। तभी आरोपी खुद को पुलिस अधिकारी बताकर उसके पास पहुंचा और झूठी जानकारी दी कि उसकी बस दूसरे प्लेटफॉर्म पर खड़ी है।
गाडे ने महिला को एक खाली शिवशाही एसी बस में बैठाया और वहां उसके साथ दुष्कर्म किया।
महाराष्ट्र में बढ़ा आक्रोश, मिलेगी कड़ी सजा
इस जघन्य अपराध को लेकर महाराष्ट्र में भारी आक्रोश फैल गया है। उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने गाडे के खिलाफ सबसे कड़ी सजा, यहां तक कि फांसी की सजा तक की मांग की है।
शिवसेना विधायक नीलेश राणे ने इस घटना के बाद “एनकाउंटर स्क्वॉड” को फिर से सक्रिय करने का प्रस्ताव रखा है, ताकि आपराधिक प्रवृत्ति के अपराधियों का सफाया किया जा सके।
पुणे पुलिस ने गाडे की गिरफ्तारी के लिए ₹1 लाख का इनाम भी घोषित किया था।
महाराष्ट्र सरकार ने उठाए कड़े कदम
इस मामले के बाद महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री प्रताप सर्नाइक ने राज्य के सभी बस डिपो की सुरक्षा ऑडिट कराने का आदेश दिया है।
इसके अलावा:
- 15 अप्रैल तक अवैध वाहनों को हटाने के निर्देश दिए गए हैं।
- बस स्टैंडों पर महिला सुरक्षा कर्मियों की संख्या बढ़ाने का प्रस्ताव रखा गया है।
- MSRTC (महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम) की सुरक्षा के लिए IPS अधिकारी की नियुक्ति पर विचार किया जा रहा है।
- स्वारगेट बस डिपो के सहायक परिवहन अधीक्षक और बस डिपो प्रबंधक के खिलाफ विभागीय जांच शुरू की गई है, ताकि सुरक्षा चूक के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जा सके।
अगला कदम
फिलहाल पुलिस आरोपी से गहन पूछताछ कर रही है। वहीं, सरकार ने इस घटना के बाद बस स्टेशनों पर महिलाओं की सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं।