
नई दिल्ली/वॉशिंगटन: न्यूयॉर्क के नेवार्क लिबर्टी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर एक भारतीय छात्र को हथकड़ी लगाकर ज़मीन पर गिरा देने की घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद यह मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस वीडियो को भारतीय-अमेरिकी सामाजिक उद्यमी कुणाल जैन ने X (पूर्व ट्विटर) पर साझा किया था, जो हाल ही में अमेरिका से भारत लौटे हैं।
इस घटना पर अमेरिका और भारत दोनों ही देशों की ओर से आधिकारिक प्रतिक्रियाएं आई हैं। अमेरिका में भारत के छात्र के साथ हुए इस व्यवहार की आलोचना के बीच अमेरिकी दूतावास ने अपनी स्पष्ट नीति दोहराते हुए कहा कि अमेरिका में अवैध प्रवेश, वीजा का दुरुपयोग और अमेरिकी कानूनों के उल्लंघन को किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
अमेरिकी दूतावास का बयान
“संयुक्त राज्य अमेरिका अब भी वैध यात्रियों का स्वागत करता है। हालांकि, अमेरिका आने का कोई अधिकार नहीं है। हम अवैध प्रवेश, वीज़ा के दुरुपयोग और किसी भी प्रकार के कानून उल्लंघन को सहन नहीं करेंगे,” — यह बयान अमेरिकी दूतावास ने अपने आधिकारिक X हैंडल पर साझा किया।
भारतीय दूतावास की प्रतिक्रिया
वहीं, न्यूयॉर्क स्थित भारतीय कॉन्सुलेट ने भी मामले पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, “हमें सोशल मीडिया पर जानकारी मिली है कि एक भारतीय नागरिक को नेवार्क लिबर्टी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है। हम स्थानीय अधिकारियों के संपर्क में हैं और भारतीय नागरिकों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
सोशल मीडिया पर उभरा आक्रोश
घटना का वीडियो वायरल होते ही सोशल मीडिया पर लोगों ने अमेरिका की कार्रवाई की निंदा की और भारत सरकार से कड़ा कदम उठाने की मांग की। वीडियो में देखा जा सकता है कि छात्र को ज़मीन पर गिराकर हथकड़ी पहनाई गई है, जिससे कई सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या यह कार्रवाई अत्यधिक कठोर थी।
कुणाल जैन ने वीडियो साझा करते हुए भारतीय दूतावास और विदेश मंत्री एस. जयशंकर को टैग कर हस्तक्षेप की मांग की। उन्होंने कहा कि यह व्यवहार भारतीय छात्रों के साथ अन्यायपूर्ण है और इस पर तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए।
यह मामला भारतीय छात्रों और यात्रियों के प्रति अमेरिका की आप्रवासन नीतियों और व्यवहार पर एक बार फिर बहस को जन्म दे रहा है। दोनों देशों के अधिकारियों की प्रतिक्रियाओं के बावजूद यह देखना बाकी है कि इस विशेष छात्र के मामले में क्या कार्रवाई की जाएगी और भारत सरकार इस विषय पर आगे क्या कदम उठाती है।