16 अरब पासवर्ड और लॉगिन डिटेल्स हुए Leak, जल्दी बनाएं नया Password

16 अरब पासवर्ड और लॉगिन डिटेल्स हुए Leak, जल्दी बनाएं नया Password
16 अरब पासवर्ड और लॉगिन डिटेल्स हुए Leak, जल्दी बनाएं नया Password

नई दिल्ली:19 जून 2025 को साइबर सुरक्षा जगत में अब तक की सबसे बड़ी सेंधमारी का खुलासा हुआ है। Keeper Security ने पुष्टि की है कि करीब 16 अरब पासवर्ड और लॉगिन क्रेडेंशियल्स लीक हो चुके हैं, जिनमें बड़ी संख्या में डेटा नए और पहले कभी सामने नहीं आए थे।

बड़ी-बड़ी टेक कंपनियों और सरकारी साइट्स पर असर

लीक हुए अकाउंट्स में Apple, Google, Facebook, Telegram, GitHub, VPN सेवाएं और यहां तक कि सरकारी वेबसाइटों के उपयोगकर्ता शामिल हैं। Cybernews की रिपोर्ट के अनुसार, ये केवल पुराने लीक का पुनः उपयोग नहीं हैं, बल्कि हाल ही में लीक हुए डेटा हैं जो पहले से डार्क वेब पर बिक रहे हैं।

30 खुले डेटाबेस और 184 मिलियन यूनिक पासवर्ड

जांचकर्ताओं ने कुल 30 बड़े खुले डेटाबेस की पहचान की है, जिनमें से प्रत्येक में दसियों मिलियन से लेकर 3.5 अरब तक रिकॉर्ड हैं। केवल एक डेटाबेस में ही 184 मिलियन यूनिक पासवर्ड पाए गए हैं।

डेटा का फॉर्मेट—URL, यूजरनेम और पासवर्ड—ऐसा है कि इसे आसानी से ऑटोमेटेड साइबर अटैक में इस्तेमाल किया जा सकता है।

लीक का कारण

Keeper Security के CEO डैरेन गुचियोन के अनुसार, अधिकतर लीक किसी साइबर अटैक के कारण नहीं, बल्कि क्लाउड सिस्टम्स के गलत कॉन्फ़िगरेशन या कमजोर सुरक्षा की वजह से हुए। कुछ मामलों में, रिसर्चर्स बिना किसी हैकिंग के केवल गलत सेटिंग्स के कारण Google खातों से जुड़ी फोन नंबर जैसी संवेदनशील जानकारी निकाल पाने में सफल रहे।

क्या करें उपयोगकर्ता?

इस लीक के बाद विशेषज्ञों ने उपयोगकर्ताओं को पासवर्ड मैनेजर इस्तेमाल करने, डार्क वेब मॉनिटरिंग सर्विस सब्सक्राइब करने और मजबूत सुरक्षा उपाय अपनाने की सलाह दी है।

Google ने भी एक बार फिर यूजर्स से पासवर्ड की जगह “पासकी” जैसे नए, सुरक्षित विकल्पों को अपनाने का आग्रह किया है।

कुछ जरूरी सुरक्षा टिप्स:

  • हर साइट पर अलग पासवर्ड का इस्तेमाल करें
  • टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) जरूर एक्टिव करें
  • संदिग्ध लिंक या मैसेज पर क्लिक न करें
  • सार्वजनिक Wi-Fi पर सेंसिटिव साइट्स न खोलें

KnowBe4 के साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ जव्वाद मलिक ने कहा,

“साइबर सुरक्षा एक साझा जिम्मेदारी है—जहां संगठनों को अपनी प्रणाली मजबूत करनी चाहिए, वहीं यूजर्स को भी सतर्क रहना होगा।”

यह लीक इस बात की गंभीर चेतावनी है कि डिजिटल दुनिया में सुरक्षा अब विकल्प नहीं, जरूरत बन चुकी है।