राजा रघुवंशी हत्याकांड में अब एक नया मोड़ सामने आया है। इस चर्चित मामले में आरोपी आकाश और आनंद ने मजिस्ट्रेट के सामने अपना अपराध कबूल करने से साफ इनकार कर दिया है। इससे पहले मेघालय पुलिस दावा कर चुकी थी कि सभी आरोपियों ने अपना जुर्म स्वीकार लिया है। अब दोनों मुख्य आरोपियों के बयान से मुकरने के बाद कई सवाल खड़े हो गए हैं, क्या इससे मुख्य साजिशकर्ता मानी जा रही सोनम को राहत मिलेगी? हालांकि, मेघालय एसआईटी की मानें तो ऐसा नहीं है।
SIT ने कहा – हमारे पास हैं पुख्ता सबूत
शिलांग शहर के पुलिस अधीक्षक और मेघालय एसआईटी प्रमुख हर्बर्ट पिनियाड खारकोंगोर ने स्पष्ट किया है कि भले ही आकाश और आनंद ने मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान नहीं दिया हो, लेकिन पुलिस के पास उनके खिलाफ पर्याप्त भौतिक साक्ष्य मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस की जांच ठोस सबूतों पर आधारित है, न कि सिर्फ आरोपियों के कबूलनामे पर।
क्यों महत्वपूर्ण है मजिस्ट्रेट के सामने दिया गया बयान?
भारतीय न्याय प्रणाली में बीएनएसएस की धारा 183 के तहत मजिस्ट्रेट के सामने दिया गया बयान ही अदालत में सबसे मजबूत साक्ष्य माना जाता है। जबकि पुलिस पूछताछ के दौरान दिया गया कबूलनामा कानूनी रूप से उतना प्रभावी नहीं होता। यही कारण है कि आकाश और आनंद के बयान से मुकरने को लेकर अब केस की कानूनी रणनीति पर असर पड़ सकता है।
कानूनी अधिकार का इस्तेमाल कर चुप रहे आरोपी
एसआईटी प्रमुख ने यह भी स्पष्ट किया कि केवल आकाश और आनंद को मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया था और दोनों ने अपने कानूनी अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए चुप रहने का फैसला किया। पुलिस ने अन्य आरोपियों को अभी तक मजिस्ट्रेट कार्यवाही के लिए नहीं भेजा है।
क्या सोनम को मिलेगा लाभ?
अब बड़ा सवाल यह है कि क्या मुख्य साजिशकर्ता के तौर पर नामजद सोनम को आरोपियों के मुकरने से कानूनी फायदा मिलेगा? विशेषज्ञों का मानना है कि अगर पुलिस के पास वीडियो, कॉल डिटेल्स, लोकेशन डेटा, फोरेंसिक रिपोर्ट्स जैसे मजबूत भौतिक साक्ष्य हैं, तो मुकदमा प्रभावित नहीं होगा।
फॉरेंसिक रिपोर्ट पर टिकी निगाहें
फिलहाल एसआईटी की जांच जारी है और टीम फॉरेंसिक लैब रिपोर्ट का इंतजार कर रही है, जो केस की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाएगी। हर्बर्ट खारकोंगोर ने भरोसा जताया कि पुलिस कोर्ट में सभी जरूरी और मजबूत सबूत पेश करेगी।
राजा रघुवंशी हत्याकांड की जांच अब निर्णायक मोड़ पर पहुंचती नजर आ रही है। आरोपियों के बयान से इनकार के बावजूद पुलिस का दावा है कि उनके पास मामला साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं। अब देखना होगा कि फॉरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद यह केस किस ओर मोड़ लेता है।