Amarnath Yatra 2025: जानिए नंदी, नाग आदि को क्यों त्याग दिया भगवान शिव ने माता पार्वती को अमर कथा सुनाने से पहले

Amarnath Yatra 2025: जानिए नंदी, नाग आदि को क्यों त्याग दिया भगवान शिव ने माता पार्वती को अमर कथा सुनाने से पहले
Amarnath Yatra 2025: जानिए नंदी, नाग आदि को क्यों त्याग दिया भगवान शिव ने माता पार्वती को अमर कथा सुनाने से पहले

नई दिल्ली: बाबा बर्फानी के भक्तों के लिए अमरनाथ यात्रा की शुरुआत आज से हो चुकी है। हर साल लाखों श्रद्धालु कठिन रास्तों और विषम परिस्थितियों के बावजूद अमरनाथ गुफा तक पहुंचकर बर्फ से सहज रूप में बनी शिवलिंग के दर्शन करते हैं। लेकिन अमरनाथ यात्रा सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि आध्यात्मिक अनुभव भी है, जो भगवान शिव की रहस्यमयी कथा से जुड़ा है।

क्यों किए भगवान शिव ने अपने प्रतीकों का त्याग?

शिवपुराण के अनुसार, जब भगवान शिव ने माता पार्वती को अमर कथा (अमरत्व का रहस्य) सुनाने का निर्णय लिया, तो वे चाहते थे कि यह ज्ञान केवल पार्वती को ही प्राप्त हो, कोई और इसका साक्षी न बने। इसलिए अमरनाथ की ओर जाते समय उन्होंने अपने सभी प्रतीक चिह्नों का त्याग कर दिया, ताकि कथा सुनते समय कोई और आसपास न रहे।

अमरनाथ यात्रा में आने वाले प्रमुख पवित्र स्थान और उनका धार्मिक महत्व:

पहलगाम – नंदी का त्याग

अमरनाथ यात्रा की शुरुआत पहलगाम से होती है। यही वह स्थान है जहां भगवान शिव ने अपने वाहन नंदी (बैल) को छोड़ा था। नंदी शिव का सबसे प्रिय वाहन माना जाता है।

चंदनवाड़ी – चंद्रमा का त्याग

पहलगाम से आगे बढ़ते हुए भगवान शिव ने अपने मस्तक पर विराजमान चंद्रमा को त्याग दिया। यही स्थान आज चंदनवाड़ी के नाम से जाना जाता है।

शेषनाग – वासुकी नाग का त्याग

आगे बढ़ते हुए भगवान शिव ने वासुकी नाग, जो उनके गले में लिपटा रहता है, का त्याग किया। यह स्थान आज शेषनाग कहलाता है, जो अपनी खूबसूरत झील के लिए भी प्रसिद्ध है।

पंचतरणी – गंगा का त्याग

भगवान शिव की जटाओं से बहने वाली गंगा जी को उन्होंने पंचतरणी नामक स्थान पर छोड़ा। पंचतरणी का अर्थ है “पांच धाराओं वाला स्थान”, जहां पांच नदियों का संगम होता है।

महागुण पर्वत – गणेश जी का त्याग

कुछ धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव ने अपने पुत्र गणेश जी को महागुण पर्वत पर छोड़ दिया था, यह निर्देश देते हुए कि जब तक अमर कथा समाप्त न हो जाए, तब तक कोई भी गुफा में प्रवेश न करे।

आध्यात्मिक महत्व

अमरनाथ यात्रा केवल गुफा तक पहुंचने का नाम नहीं है, बल्कि इन सभी पवित्र स्थानों का दर्शन करना भी भक्तों के लिए आध्यात्मिक साधना का हिस्सा है। हर स्थान पर भगवान शिव के त्याग का गहरा धार्मिक और प्रतीकात्मक अर्थ छिपा है।

यह जानकारी धार्मिक ग्रंथों और लोक मान्यताओं पर आधारित है। इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। भक्त इसे श्रद्धा और आस्था के साथ स्वीकार करते हैं।