
चंडीगढ़: हरियाणा के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार की आत्महत्या मामले में नया मोड़ सामने आया है। पुलिस जांच में मिले सुसाइड नोट ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। बताया जा रहा है कि 9 पन्नों के इस सुसाइड नोट में डीजीपी, एडीजीपी और एसपी रैंक के करीब 10 वरिष्ठ अधिकारियों के नाम दर्ज हैं, जिन पर वाई. पूरन कुमार ने मानसिक प्रताड़ना और उनके करियर को बर्बाद करने की साजिश रचने का आरोप लगाया है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, सुसाइड नोट में लिखा गया है कि इन वरिष्ठ अधिकारियों ने जानबूझकर उन्हें बदनाम करने और उनकी पेशेवर छवि को नुकसान पहुंचाने की योजना बनाई थी। जांच अधिकारी ने बताया कि सुसाइड नोट में जिन अफसरों के नाम हैं, उनका खुलासा फिलहाल जांच प्रभावित होने की आशंका के चलते नहीं किया गया है।
मालूम हो कि मंगलवार को हरियाणा के आईजी रैंक के अधिकारी वाई. पूरन कुमार ने चंडीगढ़ के सेक्टर-11 स्थित अपने सरकारी आवास पर खुद को गोली मार ली थी। घटना के बाद मौके से एक वसीयत और 9 पन्नों का सुसाइड नोट बरामद किया गया। मौके पर पहुंची एफएसएल (FSL) टीम ने घटनास्थल से साक्ष्य जुटाए हैं।
सूत्रों के अनुसार, यह मामला रोहतक के एक भ्रष्टाचार प्रकरण से जुड़ा हो सकता है, जिसकी जांच खुद वाई. पूरन कुमार ने शुरू करवाई थी। माना जा रहा है कि इसी वजह से उन्हें कुछ अफसरों के निशाने पर आना पड़ा।
इस आत्महत्या की एक और कड़ी रिश्वतखोरी के एक हालिया मामले से भी जुड़ी मानी जा रही है। सोमवार को गिरफ्तार एएसआई सुशील कुमार पर आरोप था कि उसने एक शराब ठेकेदार से ढाई लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। बताया जा रहा है कि सुशील कुमार वाई. पूरन कुमार के स्टाफ में था और उसी के कहने पर यह रिश्वत मांगी गई थी।
चंडीगढ़ की एसएसपी कंवरदीप कौर ने बताया कि मंगलवार दोपहर करीब 1.30 बजे सेक्टर-11 स्थित मकान नंबर 116 से आत्महत्या की सूचना मिली। पुलिस टीम और सीएफएसएल अधिकारी मौके पर पहुंचे और जांच शुरू की।
घटना के समय वाई. पूरन कुमार की पत्नी अमनीत, जो हरियाणा सरकार के विदेश सहयोग विभाग में आयुक्त एवं सचिव हैं, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के साथ जापान दौरे पर थीं। उनके आज भारत लौटने की संभावना है।
जानकारी के अनुसार, पिछले महीने ही वाई. पूरन कुमार का तबादला रोहतक की सुनारिया जेल में किया गया था, जहां डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम यौन शोषण मामले में सजा काट रहा है। सूत्रों का कहना है कि तबादले के बाद से ही अधिकारी तनाव में थे।
वाई. पूरन कुमार 1998 बैच के आईपीएस अधिकारी थे और इंजीनियरिंग स्नातक थे। उनका जन्म 19 मई 1973 को हुआ था और वे 31 मई 2033 को सेवानिवृत्त होने वाले थे।
पुलिस फिलहाल मामले की जांच में जुटी हुई है और सुसाइड नोट में दर्ज आरोपों की हर पंक्ति को बारीकी से खंगाल रही है।