बेंगलुरु, 9 जनवरी 2025: बेंगलुरु में स्थित स्मार्ट होम-जिम उपकरण कंपनी Aroleap के संस्थापक अमन राय ने आरोप लगाया है कि उन्हें अपनी नई मैन्युफैक्चरिंग फैक्ट्री के लिए लाइसेंस प्राप्त करने के लिए ₹1 लाख घूस देने की मांग की जा रही है। इस खुलासे के बाद कर्नाटका सरकार और भारत में “आसान व्यापार” की स्थिति पर सवाल उठने लगे हैं। अमन राय ने बुधवार को ट्विटर पर इस मामले को साझा किया, जिससे राज्य प्रशासन और भ्रष्टाचार पर बहस छिड़ गई है।
अमन राय ने ट्वीट किया, “मेक इन इंडिया के अंधेरे पहलू! मैंने खुद लाइसेंस के लिए आवेदन किया और अब मुझे ₹1 लाख घूस देने के लिए कहा जा रहा है!” उन्होंने अपने ट्वीट के जरिए भ्रष्टाचार के सिस्टम पर नाराजगी जताई।
पिछले महीने भी किया था बड़ा खुलासा
अमन राय ने दिसंबर 2024 में भी ट्विटर पर यह जानकारी साझा की थी कि वह अपनी नई मैन्युफैक्चरिंग यूनिट के लिए फैक्ट्री लाइसेंस प्राप्त करने की प्रक्रिया में हैं। उन्होंने तब बताया था कि एक विक्रेता ने उन्हें प्रक्रिया में होने वाले “आउट-ऑफ-पॉकेट खर्चों” के बारे में बताया था, जो ₹70,000 तक हो सकते हैं। उन्होंने लिखा था, “हमारी मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी के लिए फैक्ट्री लाइसेंस प्राप्त करने की प्रक्रिया में हूं। एक विक्रेता ने कहा कि इस विभाग में ~₹70,000 के ‘आउट-ऑफ-पॉकेट खर्चे’ होंगे! ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आसान व्यापार’ के नाम पर यही हो रहा है?”
हालांकि, अमन राय ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि यह घूसखोरी किस विभाग या स्थान पर हुई, लेकिन उनकी शिकायत ने कर्नाटका सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों को और तेज कर दिया है।
कर्नाटका सरकार पर गंभीर आरोप
वहीं, नामी उद्योगपति और एरिन कैपिटल के चेयरमैन मोहंदास पाई ने हाल ही में कर्नाटका की सिद्धारमैया सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। पाई ने कर्नाटका सरकार को “सबसे भ्रष्ट सरकार” बताते हुए कहा, “यह सरकार शायद अब तक की सबसे भ्रष्ट सरकार है। हम समझते थे कि बीजेपी सरकार भ्रष्ट है, लेकिन इस सरकार में भ्रष्टाचार एक औद्योगिक पैमाने पर होता है।”
मोहंदास पाई ने आरोप लगाया कि कर्नाटका में भ्रष्टाचार पूरी तरह से सामान्य हो चुका है, जहां रोज़मर्रा के कामों के लिए भी घूस की मांग की जाती है, जैसे संपत्ति कर के आकलन और योजनाओं की मंजूरी। बेंगलुरु के नागरिक प्रशासन पर भी उन्होंने सवाल उठाए, और यह दावा किया कि यहां के सॉफ़्टवेयर सिस्टम्स में गड़बड़ी की जा रही है, जिनका इस्तेमाल अनुमतियों और करों की प्रक्रिया में किया जाता है।
मोहंदास पाई ने कहा, “BBMP (Bengaluru Bruhat Mahanagara Palike) की योजना अनुमोदन के लिए एक सॉफ़्टवेयर एक पुणे की छोटी कंपनी द्वारा बनाया गया है। वे इसे मैनिपुलेट करते हैं… हमने पाया कि संपत्ति टैक्स के तीन अलग-अलग डेटाबेस हैं क्योंकि हर कोई इसमें पैसा बना रहा है। वे इसे ऑटोमेट नहीं करना चाहते क्योंकि इससे उनका पैसा खत्म हो जाएगा।”
कर्नाटका में भ्रष्टाचार का मुद्दा गरमाया
अमन राय और मोहंदास पाई के खुलासे कर्नाटका के प्रशासन में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर चिंता को और बढ़ा रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों में कर्नाटका के सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार के कई मामलों का पर्दाफाश हुआ है, और यह आरोप भी सामने आए हैं कि सरकारी सिस्टम में कई प्रकार के अनियमितताएँ और घूसखोरी की गतिविधियाँ आम हो गई हैं।
कर्नाटका की सरकार को लेकर उठते आरोपों और “मेक इन इंडिया” के उद्देश्य पर सवाल खड़े होने के कारण भारतीय प्रशासनिक व्यवस्था और व्यापार के माहौल में सुधार की आवश्यकता की बात अब और जोर पकड़ने लगी है। यह मामला न केवल बेंगलुरु, बल्कि पूरे भारत में भ्रष्टाचार की समस्या को उजागर करता है, जिससे निवेशकों और उद्यमियों के लिए सरकार के साथ काम करना और भी चुनौतीपूर्ण हो सकता है।