डेंगू बुखार आमतौर पर तेज़ बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द तथा त्वचा पर चकत्तों के साथ प्रकट होता है। लेकिन बीते कुछ वर्षों में डॉक्टरों ने डेंगू के एटिपिकल (असामान्य) या विस्तारित लक्षणों वाले मामलों में वृद्धि देखी है, जिससे इसकी पहचान और इलाज में कठिनाइयाँ सामने आ रही हैं।
क्या है एटिपिकल डेंगू?
सीके बिड़ला अस्पताल, गुरुग्राम के इंटरनल मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. तुषार तायल के अनुसार, एटिपिकल डेंगू या एक्सपैंडेड डेंगू सिंड्रोम वह स्थिति है जिसमें डेंगू का वायरस सिर्फ खून और नसों तक सीमित नहीं रहता, बल्कि अन्य अंगों जैसे कि लिवर, मस्तिष्क, हृदय, किडनी और पाचन तंत्र को भी प्रभावित करता है।
आमतौर पर देखे गए एटिपिकल लक्षण:
- बिना बुखार या हल्के बुखार के लक्षण
- हेपेटाइटिस (लिवर सूजन)
- एन्सेफलाइटिस (दिमाग की सूजन)
- मायोकार्डाइटिस (दिल की मांसपेशियों की सूजन)
- एक्यूट किडनी इंजरी
- गंभीर पेट दर्द, उल्टी या आंतरिक रक्तस्राव
एटिपिकल डेंगू की पहचान कैसे करें?
ऐसे मामलों में सही समय पर उच्च स्तर की चिकित्सकीय सतर्कता ज़रूरी है, विशेष रूप से उन इलाकों में जो डेंगू के लिए संवेदनशील हैं।
आवश्यक परीक्षण:
- NS1 एंटीजन टेस्ट
- डेंगू IgM/IgG एंटीबॉडीज
- RT-PCR
- साथ ही, लिवर एंजाइम, किडनी फंक्शन टेस्ट और इमेजिंग स्टडीज़ की भी आवश्यकता होती है।
इलाज क्या है?
डेंगू के लिए कोई विशेष एंटीवायरल दवा उपलब्ध नहीं है। इलाज पूरी तरह लक्षणों के आधार पर होता है।
उपचार में शामिल हो सकते हैं:
- IV फ्लूइड्स
- बुखार के लिए पेरासिटामोल (NSAIDs नहीं)
- ब्लड कंपोनेंट रिप्लेसमेंट
- डायलिसिस या वेंटिलेटर सपोर्ट (यदि अंगों की विफलता हो)
समय पर पहचान और मल्टी-डिसिप्लिनरी ट्रीटमेंट ही जटिलताओं और मृत्यु दर को रोक सकता है।
बचाव ही सबसे बड़ा इलाज
डेंगू हो या एटिपिकल डेंगू, बचाव के उपाय एक जैसे ही हैं:
- घर के आसपास मच्छरों के प्रजनन स्थानों को खत्म करें
- मच्छर भगाने वाली क्रीम का इस्तेमाल करें
- फुल बाजू के कपड़े पहनें
- मच्छरदानी और खिड़की की जालियां लगवाएं
- हल्के लक्षणों को भी नजरअंदाज न करें — डॉक्टर से परामर्श लें
NOTE: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी समस्या में विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।