
बेंगलुरु में सोमवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एयरो इंडिया 2025 का उद्घाटन किया। इस बार शो का मुख्य आकर्षण रूस का Su-57E फेलॉन और अमेरिका का F-35 लाइटनिंग II फाइटर जेट रहेगा। यह पहली बार होगा जब ये दोनों आधुनिकतम लड़ाकू विमान एक ही मंच पर आमने-सामने नजर आएंगे, जो वैश्विक वायुशक्ति की ताकत का प्रदर्शन करेगा।
हालांकि, केवल रूसी Su-57E फेलॉन ही हवाई करतब दिखाएगा, जबकि अमेरिकी F-35 केवल स्टेटिक डिस्प्ले के रूप में प्रदर्शित किया जाएगा।
Su-57E Felon: रूस की स्टील्थ पावर
रूस के सुखोई द्वारा विकसित Su-57E एक अत्याधुनिक स्टील्थ मल्टीरोल फाइटर जेट है, जो हवा में प्रभुत्व और स्ट्राइक मिशन दोनों को अंजाम देने में सक्षम है। यह सुपरसोनिक क्रूज, उन्नत एवियोनिक्स और लो-रडार सिग्नेचर जैसी विशेषताओं से लैस है। दिसंबर 2020 में इसे रूसी वायुसेना में शामिल किया गया था और यह MiG-29 तथा Su-27 को रिप्लेस करेगा।
इस विमान की खासियत इसकी अत्याधुनिक एवियोनिक्स, हथियार प्रणाली और सेल्फ-डिफेंस सिस्टम हैं, जो इसे हर तरह की लड़ाई में सक्षम बनाते हैं।
F-35 Lightning II: अमेरिकी एयर सुपीरियॉरिटी
लॉकहीड मार्टिन द्वारा निर्मित F-35 लाइटनिंग II दुनिया के सबसे उन्नत लड़ाकू विमानों में से एक है। यह मल्टीरोल फाइटर जेट हवा में श्रेष्ठता, स्ट्राइक मिशन, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर और इंटेलिजेंस, सर्विलांस तथा रिकॉनिसेंस के लिए डिजाइन किया गया है।
इसका सबसे लोकप्रिय संस्करण F-35A है, जिसे अमेरिकी वायुसेना और अन्य सहयोगी देशों की वायु सेनाओं द्वारा इस्तेमाल किया जाता है।
अन्य प्रमुख विमान जो शो में होंगे शामिल
अमेरिकी KC-135 स्ट्रेटोटैंकर
KC-135 स्ट्रेटोटैंकर अमेरिका की वायुसेना के लिए मुख्य हवाई ईंधन भरने वाला विमान है। यह 83,000 पाउंड तक कार्गो ले जाने की क्षमता रखता है और मेडिकल इमरजेंसी में मरीजों को ट्रांसपोर्ट करने में भी सक्षम है।
अमेरिकी B-1B लांसर
B-1B लांसर एक सुपरसोनिक स्ट्रेटेजिक बॉम्बर है, जिसे तेज गति और सटीक स्ट्राइक के लिए जाना जाता है। इसे “द बोन” के नाम से भी जाना जाता है। 1985 में सेवा में शामिल किए गए इस बमवर्षक विमान को पहले परमाणु क्षमताओं के लिए डिजाइन किया गया था, लेकिन 1990 के दशक में इसे पूरी तरह से पारंपरिक हथियारों के लिए अनुकूलित कर दिया गया।
भारत के स्वदेशी विमान भी दिखाएंगे ताकत
इस बार भारत अपने कई स्वदेशी विमानों को प्रदर्शित करेगा, जिसमें LCA MK 1A, Hansa-NG, Intermediate Jet Trainer (IJT), Light Utility Helicopter (LUH), HTT-40 और SU-30 MKI शामिल हैं।
- LCA MK 1A: यह भारत द्वारा विकसित एक मल्टीरोल लड़ाकू विमान है, जो भारतीय वायुसेना में पहले से मौजूद LCA MK 1 का उन्नत संस्करण है।
- Hansa-NG: यह स्वदेशी रूप से विकसित एक आधुनिक फ्लाइंग ट्रेनर एयरक्राफ्ट है।
- SU-30 MKI: भारतीय वायुसेना का मुख्य लड़ाकू विमान, जिसे रूस के सहयोग से विकसित किया गया है।
भारत की रक्षा उत्पादन और निर्यात में ऐतिहासिक बढ़त
एयरो इंडिया 2025 के कर्टन-रेज़र इवेंट में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि भारत का घरेलू रक्षा उत्पादन रिकॉर्ड ₹1.27 लाख करोड़ तक पहुंच गया है। उन्होंने कहा, “2025-26 तक यह आंकड़ा ₹1.60 लाख करोड़ को पार कर जाएगा। साथ ही, हमारे रक्षा निर्यात ने ₹21,000 करोड़ का रिकॉर्ड भी पार कर लिया है, और 2025-26 के अंत तक इसके ₹30,000 करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है।”
कब और कहां होगा आयोजन?
एयरो इंडिया 2025 का आयोजन 10 से 14 फरवरी तक बेंगलुरु के येलहंका एयरफोर्स स्टेशन पर किया जाएगा। इस शो के जरिए भारत अपनी रक्षा क्षमताओं को दुनिया के सामने प्रदर्शित करेगा और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक और कदम बढ़ाएगा।