बोगोटा (कोलंबिया): भारत को आतंकवाद के खिलाफ अपनी वैश्विक मुहिम में एक अहम कूटनीतिक सफलता मिली है। दक्षिण अमेरिकी देश कोलंबिया ने अपने पहले जारी किए गए उस बयान को औपचारिक रूप से वापस ले लिया है, जिसमें ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पाकिस्तान के प्रति सहानुभूति जताई गई थी। यह बयान ऐसे समय आया था जब भारत के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले में कई निर्दोष लोगों की जान चली गई थी। कोलंबिया के बयान से नई दिल्ली में असंतोष देखा गया था।
भारतीय कांग्रेस सांसद शशि थरूर, जो इस समय एक बहु-दलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल के साथ अमेरिका महाद्वीप के दौरे पर हैं, ने बोगोटा में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान भारत की नाराजगी स्पष्ट शब्दों में व्यक्त की। “हम कोलंबिया सरकार की उस प्रतिक्रिया से थोड़े निराश हुए थे, जिसमें उन्होंने भारत द्वारा की गई जवाबी कार्रवाई के बाद पाकिस्तान में मारे गए लोगों के लिए शोक व्यक्त किया, जबकि आतंकवाद के शिकार लोगों के प्रति कोई सहानुभूति नहीं दिखाई गई,” थरूर ने कहा।
भारत का पक्ष समझा और सराहा गया
शशि थरूर ने कोलंबिया की चैंबर ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स की दूसरी समिति के अध्यक्ष अलेजांद्रो टोरो से मुलाकात के बाद कहा कि आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक रुख में स्पष्टता बेहद जरूरी है। थरूर ने कहा “आतंकवादियों और निर्दोष नागरिकों के बीच कोई समानता नहीं हो सकती। हमारी निराशा सिर्फ इस बात को लेकर थी कि कोलंबिया के बयान में इस अंतर को नजरअंदाज किया गया। लेकिन हम बहुत प्रसन्न हैं कि वह बयान अब वापस ले लिया गया है और कोलंबिया की संसद के प्रतिनिधियों ने हमारे संप्रभुता के अधिकार और विश्व शांति के लिए अपने समर्थन की पुष्टि की है।”
विदेश मंत्रालय की उप मंत्री ने दी सफाई
कोलंबिया की विदेश मामलों की उप मंत्री रोजा योलांडा विल्लाविसेंसियो के साथ बैठक के बाद थरूर ने साझा किया कि भारत का पक्ष गंभीरता से सुना गया और उसकी सराहना की गई। उप मंत्री ने कहा, “हमें अब इस संघर्ष की वास्तविक स्थिति और कश्मीर में क्या हुआ, इस पर विस्तृत जानकारी मिल गई है और हम भारत के दृष्टिकोण को पूरी तरह समझते हैं।”
थरूर ने जताया संतोष
थरूर ने सोशल मीडिया पर ट्वीट किया, “कोलंबिया की उप मंत्री के साथ आज सुबह एक बेहतरीन बैठक हुई। मैंने भारत की चिंता को व्यक्त किया और 8 मई को कोलंबिया के उस बयान पर निराशा जाहिर की, जिसमें पाकिस्तान के लिए ‘दिल से संवेदना’ जताई गई थी। मंत्री ने पुष्टि की कि बयान वापस ले लिया गया है और भारत की स्थिति को अब अच्छी तरह से समझा और समर्थन किया गया है।”
भारत का यह बहु-दलीय प्रतिनिधिमंडल पनामा और गुयाना होते हुए 29 मई को कोलंबिया पहुंचा था। यह दौरा भारत की उस व्यापक कूटनीतिक पहल का हिस्सा है जिसके तहत वह आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति को वैश्विक मंचों पर assertively प्रस्तुत कर रहा है। प्रतिनिधिमंडल की आगे की यात्रा ब्राज़ील और संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रस्तावित है। यह घटनाक्रम न केवल भारत की कूटनीतिक ताकत को दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का आतंकवाद विरोधी रुख अब और अधिक समर्थन प्राप्त कर रहा है।