अहमदाबाद: गुरुवार को अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 के दुर्घटनाग्रस्त होने से जहां 297 लोगों की जान चली गई, वहीं एक चमत्कारी घटना ने पूरे देश का ध्यान खींचा है। सीट 11A पर बैठे एकमात्र यात्री रमेश विश्वासकुमार इस भयावह हादसे में जीवित बच गए हैं।
कौन हैं रमेश विश्वासकुमार?
40 वर्षीय रमेश विश्वासकुमार, ब्रिटिश नागरिक हैं। हादसे के तुरंत बाद सामने आए वीडियो में वे घायल अवस्था में दिखाई दिए लेकिन होश में थे और अपने पैरों पर चलने में सक्षम थे। उन्हें स्थानीय अस्पताल में भर्ती किया गया है और इलाज जारी है। पुलिस ने पुष्टि की है कि वे इस हादसे के इकलौते जीवित यात्री हैं।
सीट 11A कहां स्थित होती है?
Boeing 787-8 Dreamliner की संरचना के अनुसार, सीट 11A विमान के इकोनॉमी क्लास की पहली पंक्ति में, बिजनेस क्लास के ठीक पीछे स्थित होती है। यह विंडो सीट है और विमान के बाएं हिस्से (पोर्ट साइड) में है। माना जा रहा है कि विमान के अगले हिस्से में होने के कारण यह स्थान अपेक्षाकृत सुरक्षित रहा और इसी से रमेश की जान बच सकी।
हादसे में पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी की भी मौत
इस हादसे में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी भी सवार थे, जो लंदन की यात्रा पर जा रहे थे। उनकी भी इस दुर्घटना में मौत हो गई। इस त्रासदी ने राजनीतिक और सामाजिक हलकों में शोक की लहर दौड़ा दी है।
विमान का पहले का सफर और हादसा
विमान ने गुरुवार को सुबह 10:07 बजे दिल्ली से अहमदाबाद तक की उड़ान (AI 423) भरी थी और 11:40 बजे अहमदाबाद पहुंचा। इसके बाद इसी विमान को लंदन के लिए (AI 171) रवाना किया गया। 1:38 बजे उड़ान भरने के कुछ मिनट बाद ही विमान का नियंत्रण टूट गया और यह मेघानी नगर क्षेत्र में एक रिहायशी इलाके में गिरकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
डॉक्टरों के हॉस्टल पर गिरा विमान
जॉइंट कमिश्नर जयपाल सिंह राठौड़ ने जानकारी दी कि विमान BJ मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों के हॉस्टल पर गिरा, जिससे 56 और लोगों की जान चली गई, जो उस समय हॉस्टल में मौजूद थे। गंभीर जलने और शवों की स्थिति को देखते हुए, गुजरात सरकार ने मृतकों की पहचान के लिए डीएनए टेस्टिंग की प्रक्रिया शुरू की है। मृतकों के परिवारों को अहमदाबाद बुलाया गया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने की दौरा, अस्पताल में मिले घायलों से
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अहमदाबाद पहुंचकर हादसे के स्थान का निरीक्षण किया और सिविल अस्पताल में घायल लोगों से मुलाकात की। उन्होंने मृतकों के परिजनों को सांत्वना दी और सरकार की ओर से हर संभव सहायता का भरोसा दिलाया। यह हादसा भारतीय विमानन इतिहास के सबसे भयावह हवाई हादसों में शामिल हो गया है। एकमात्र बचे यात्री की कहानी जहां चमत्कारी लगती है, वहीं यह त्रासदी सैकड़ों परिवारों के लिए दर्द और सदमे की कहानी बन गई है।