श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने गुरुवार को आगामी अमरनाथ यात्रा को लेकर सुरक्षा और व्यवस्थाओं की समीक्षा करते हुए अहम जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि तीर्थयात्रा 3 जुलाई से शुरू होगी, जिसके लिए सरकार और श्राइन बोर्ड ने मिलकर व्यापक स्तर पर तैयारियां की हैं।
हर यात्री की निगरानी के लिए आरएफआईडी ट्रैकिंग सिस्टम
एलजी सिन्हा ने बताया कि इस बार हर यात्री के लिए आरएफआईडी ट्रैकिंग सिस्टम लागू किया गया है ताकि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। इसके साथ ही यात्रा मार्ग और बेस कैंप पर हाई क्वालिटी कैमरे लगाए गए हैं जो हर गतिविधि पर पैनी नजर रखेंगे।
तीन स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था
उन्होंने कहा कि इस वर्ष सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया गया है।
- बेस कैंप और रूट के चारों ओर तीन स्तरीय सुरक्षा घेरा बनाया गया है।
- सुरक्षा बलों की संख्या में बढ़ोतरी की गई है।
- एंटी-ड्रोन सिस्टम की तैनाती और नो फ्लाई ज़ोन की घोषणा भी 1 जुलाई से लागू होगी।
- मॉक ड्रिल्स पहले ही की जा चुकी हैं ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके।
स्वास्थ्य सेवाएं और पर्यावरण पर ध्यान
एलजी सिन्हा ने बताया कि स्वास्थ्य सेवाओं में भी इस बार विशेष ध्यान दिया गया है।
- हर बेस कैंप पर 100 बेड का अस्पताल तैयार है।
- ग्रामीण विकास विभाग सफाई और पर्यावरण सुरक्षा पर लगातार काम कर रहा है।
पहलगाम हमले का असर, लेकिन विश्वास बहाल
हाल ही में हुए पहलगाम हमले के बाद यात्रियों के पंजीकरण में लगभग 10 प्रतिशत की गिरावट देखी गई थी।
- एलजी ने कहा कि हमले से पहले 2.36 लाख लोगों ने पंजीकरण कराया था, लेकिन अब फिर से संख्या में वृद्धि हो रही है।
- “लोगों का भरोसा लौट रहा है और मुझे विश्वास है कि श्रद्धालु बड़ी संख्या में आएंगे,” एलजी सिन्हा ने कहा।
सुरक्षा काफिले के साथ यात्रा की अपील
उन्होंने सभी श्रद्धालुओं से अपील की कि वे सुरक्षा काफिले के साथ ही यात्रा करें। यहां तक कि निजी वाहन चालकों से भी आग्रह किया गया है कि वे जम्मू से बेस कैंप तक सुरक्षा वाहनों के साथ ही जाएं।
सर्वदलीय बैठक आज शाम
अमरनाथ यात्रा को लेकर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा आज शाम 5 बजे श्रीनगर में सर्वदलीय बैठक करेंगे।
- इस बैठक में डॉ. फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती सहित कई बड़े नेता शामिल होंगे।
- 28 जून को एलजी सिविल सोसाइटी के प्रतिनिधियों के साथ भी अलग बैठक करेंगे।
अमरनाथ यात्रा को लेकर इस बार प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है और हर स्तर पर तैयारी पूरी की जा रही है। सुरक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण तीनों मोर्चों पर विशेष फोकस रखा गया है ताकि श्रद्धालुओं को निर्बाध और सुरक्षित यात्रा अनुभव मिल सके।