आंध्र प्रदेश के अनकापल्ली जिले में एक दवा फैक्ट्री में भीषण आग लग गई, जिससे 17 लोगों की दुखद मौत हो गई और 33 अन्य घायल हो गए। यह घटना दोपहर 2 बजे के आसपास हुई, कथित तौर पर फैक्ट्री की रासायनिक प्रसंस्करण इकाई में विस्फोट के कारण, जिससे भीषण आग लग गई और यह पूरी फैक्ट्री में फैल गई।
घटना का विवरण
शुरुआती रिपोर्टों के अनुसार, आग तब लगी जब फैक्ट्री में एक रासायनिक रिएक्टर में विस्फोट हुआ, जिससे पास में रखे ज्वलनशील पदार्थ जल गए। विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि इससे इमारत के कुछ हिस्से ढह गए, जिससे कई कर्मचारी अंदर फंस गए। आग की लपटें तेजी से फैलने लगीं और काले धुएं का घना गुबार हवा में भर गया, जिससे कर्मचारियों और आस-पास के निवासियों में दहशत फैल गई।
प्रत्यक्षदर्शियों ने घटनास्थल ने बताया कि वहां अफरा-तफरी मच गया जिसमें कर्मचारी आग से बचने की कोशिश कर रहे थे। स्थानीय निवासियों ने बताया कि फैक्ट्री में जोरदार विस्फोट हुआ और उसके बाद आग की लपटें उठने लगीं। कई दमकल गाड़ियों और आपदा प्रतिक्रिया टीमों सहित आपातकालीन सेवाएं घटनास्थल पर पहुंचीं, लेकिन आग की तीव्रता के कारण इसे नियंत्रित करना मुश्किल हो गया। आग पर काबू पाने से पहले दमकलकर्मियों ने कई घंटों तक संघर्ष किया।
हताहत और बचाव
आग में 17 कर्मचारी मारे गए, जिनमें से कई विस्फोट के कारण मलबे में फंस गए थे। 33 घायल व्यक्तियों को तुरंत पास के अस्पतालों में ले जाया गया, जिनमें से कई गंभीर रूप से जलने और अन्य चोटों के कारण गंभीर हालत में बताए गए हैं। बचाव अभियान अभी भी जारी है, टीमें मलबे में फंसे किसी भी अन्य जीवित व्यक्ति की तलाश कर रही हैं।
अधिकारियों ने इलाके की घेराबंदी कर दी है, और स्थानीय पुलिस और अग्निशमन विभाग विस्फोट के कारण की जांच करने और यह सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं कि साइट सुरक्षित है। मृतकों की पहचान अभी भी जारी है, और उनके परिवारों से संपर्क करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
सरकारी प्रतिक्रिया और जांच
आंध्र प्रदेश की राज्य सरकार ने घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है और विस्फोट तथा उसके बाद लगी आग के सटीक कारण का पता लगाने के लिए पूरी जांच की घोषणा की है। मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी ने अधिकारियों को इस बात की गहन जांच करने का आदेश दिया है कि क्या फैक्ट्री में सुरक्षा प्रोटोकॉल में कोई चूक हुई थी। सरकार ने घटना में मृतकों और घायलों के परिवारों के लिए अनुग्रह राशि की भी घोषणा की है।
प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि विस्फोट रिएक्टरों में से किसी एक में रासायनिक प्रतिक्रिया के कारण हुआ हो सकता है, लेकिन इसकी पुष्टि के लिए आगे के विश्लेषण की आवश्यकता है। अधिकारी यह भी देख रहे हैं कि क्या फैक्ट्री सभी सुरक्षा नियमों का अनुपालन कर रही थी, विशेष रूप से खतरनाक सामग्रियों के भंडारण और हैंडलिंग के संबंध में।