लोकसभा ने बुधवार को रेलवे (संशोधन) विधेयक 2024 पारित कर दिया, जिसका मकसद मौजूदा रेलवे कानूनों को मजबूत करना और रेलवे बोर्ड के कामकाज को बेहतर बनाना है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस विधेयक पर हो रही बहस का जवाब देते हुए कहा कि विपक्ष द्वारा यह आरोप लगाना कि इस कानून से रेलवे का निजीकरण होगा, पूरी तरह गलत और झूठा है। उन्होंने इसे विपक्ष द्वारा फैलाए गए “fake narrative” का हिस्सा बताया और अपील की कि ऐसे गलत दावे न किए जाएं।
वैष्णव ने कहा, “कुछ लोग ये कह रहे हैं कि इस विधेयक से रेलवे का निजीकरण होगा, यह सिर्फ एक झूठी बात है। सरकार ने रेलवे में भारी निवेश किया है, जैसे 31,000 किलोमीटर ट्रैक, 44,000 किलोमीटर ट्रैक का विद्युतीकरण, और 1,300 स्टेशनों का विकास – ये सभी सरकार की संपत्ति हैं।” उन्होंने स्पष्ट किया कि रेलवे के निजीकरण का कोई सवाल नहीं है।
मंत्री ने यह भी बताया कि इस विधेयक का मुख्य उद्देश्य पुराने रेलवे कानूनों को एक जगह समेटना है, ताकि कानून ज्यादा सरल और प्रभावी हो। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों में रेलवे में काफी विकेंद्रीकरण हुआ है, जिससे ज़्यादा अधिकार महाप्रबंधकों और मंडल रेलवे प्रबंधकों को दिए गए हैं। पहले, महाप्रबंधकों के पास छोटे से छोटे निर्णय लेने की भी कम ताकत थी, लेकिन अब वे बड़े फैसले खुद ले सकते हैं।
गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों की जरूरतों का ध्यान रखते हुए, वैष्णव ने कहा कि रेलवे ने सामान्य और एसी कोचों का सही संतुलन रखा है। उन्होंने बताया कि लगभग दो तिहाई कोच सामान्य हैं, जबकि एक तिहाई एसी कोच हैं। इसके अलावा, रेलवे ने 12,000 सामान्य कोच बनाने का लक्ष्य रखा है, जिसमें से 900 कोच इस वित्तीय वर्ष में पहले ही जोड़े जा चुके हैं।
मंत्री ने यह भी बताया कि अमृत भारत ट्रेनें पूरी तरह से गैर-एसी होंगी और इन ट्रेनों में वंदे भारत ट्रेन जैसी तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा, जिसमें स्वचालित कपलर, बेहतरीन सीटें और चार्जिंग पॉइंट्स होंगे।