बीजेपी के एक वरिष्ठ सांसद ने हाल ही में एक सनसनीखेज दावा किया है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 2026 के बाद सिलीगुड़ी कॉरिडोर को बंद करने की कोशिश कर सकती हैं। यह दावा राजनीतिक हलकों में व्यापक चर्चा का विषय बन गया है, जिससे राज्य में पहले से ही तनावपूर्ण माहौल और भी गर्म हो गया है।
सिलीगुड़ी कॉरिडोर, जिसे ‘चिकन नेक’ के नाम से भी जाना जाता है, भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों को देश के शेष हिस्से से जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण मार्ग है। इस कॉरिडोर की रणनीतिक और आर्थिक महत्ता को देखते हुए, इसे किसी भी तरह से रोकने का दावा बेहद गंभीर और चिंताजनक है।
बीजेपी सांसद ने अपने बयान में कहा कि ममता बनर्जी 2026 के विधानसभा चुनावों में जीत हासिल करने के बाद इस कॉरिडोर को बंद कर सकती हैं, जिससे देश के उत्तर-पूर्वी हिस्से को अलग-थलग करने की योजना बनाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि यह कदम राज्य की राजनीति और राष्ट्रीय सुरक्षा पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है। सांसद ने इस संभावना पर गहरी चिंता व्यक्त की और केंद्र सरकार से इस मुद्दे पर सतर्क रहने की अपील की।
हालांकि, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने इस दावे को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। टीएमसी के प्रवक्ता ने इसे बीजेपी की ओर से फैलाया गया प्रोपगैंडा बताया और कहा कि इस तरह के बेबुनियाद आरोपों का कोई आधार नहीं है। टीएमसी ने कहा कि ममता बनर्जी की प्राथमिकता हमेशा से राज्य की समृद्धि और सुरक्षा रही है, और ऐसे दावे राजनीतिक ध्रुवीकरण के अलावा कुछ नहीं हैं।
इस विवादास्पद बयान ने राज्य की राजनीति में उथल-पुथल मचा दी है और आने वाले समय में इसके और भी राजनीतिक निहितार्थ सामने आ सकते हैं। यह देखना बाकी है कि बीजेपी और टीएमसी इस मुद्दे पर कैसे आगे बढ़ेंगे और क्या यह मामला आने वाले चुनावों में बड़ा मुद्दा बन सकता है।