चंडीगढ़: चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव में बड़ा उलटफेर देखने को मिला, जहां बीजेपी उम्मीदवार हरप्रीत कौर बबला ने जीत दर्ज कर ली। इस जीत के साथ ही नगर निगम पर बीजेपी का नियंत्रण मजबूत हो गया, जबकि पहले यह पद आम आदमी पार्टी (AAP) के पास था।
बीजेपी चंडीगढ़ के उपाध्यक्ष देविंदर सिंह बबला, जो कि नवनिर्वाचित मेयर हरप्रीत कौर बबला के पति भी हैं, उन्होंने इस जीत का श्रेय पार्टी की रणनीति और पूर्व AAP मेयर कुलदीप कुमार के कार्यकाल को दिया।
“हमें भरोसा था कि जीत हमारी होगी” – देविंदर बबला
जीत के बाद देविंदर बबला ने कहा,
“हमें पूरा भरोसा था कि यह जीत हमारी ही होगी। पूर्व मेयर कुलदीप कुमार ने निगम को लूटने में कोई कसर नहीं छोड़ी… हम इसकी जांच कराएंगे। उनके ही पार्षदों ने देखा कि उनके साथ कैसा व्यवहार हो रहा था, और उन्होंने हमारे पक्ष में मतदान किया।”
BJP-AAP के बीच कड़ी टक्कर
इस चुनाव में बीजेपी और AAP-कांग्रेस गठबंधन के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिली। AAP ने प्रेम लता को मेयर उम्मीदवार बनाया था, जबकि कांग्रेस ने जसबीर सिंह बंटी (सीनियर डिप्टी मेयर) और तरुणा मेहता (डिप्टी मेयर) के लिए समर्थन दिया था। वहीं, बीजेपी ने बिमला दुबे (सीनियर डिप्टी मेयर) और लखबीर सिंह बिल्लू (डिप्टी मेयर) के तौर पर अपने उम्मीदवार उतारे थे।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद AAP को दूसरा झटका
इससे पहले, AAP के कुलदीप कुमार को 20 फरवरी 2024 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद चंडीगढ़ का मेयर घोषित किया गया था। कोर्ट ने 30 जनवरी 2024 को हुए चुनाव में बीजेपी के मनोज सोनकर की जीत को अमान्य कर दिया था, क्योंकि AAP ने मतगणना में गड़बड़ी का आरोप लगाया था। लेकिन अब बीजेपी ने फिर से यह सीट अपने कब्जे में ले ली।
BJP ने क्रॉस-वोटिंग के जरिए मारी बाजी
चंडीगढ़ नगर निगम में कुल 35 सदस्यीय सदन है, जहां AAP-कांग्रेस गठबंधन के पास 19 पार्षद (AAP के 13 और कांग्रेस के 6) थे, जबकि बीजेपी के पास 16 पार्षद थे। चंडीगढ़ के सांसद और कांग्रेस नेता मनीष तिवारी को भी मतदान का अधिकार था।
चुनाव से ठीक पहले, कांग्रेस की वरिष्ठ महिला पार्षद गुरबख्श रावत ने बीजेपी का दामन थाम लिया, जिससे समीकरण बदल गए। BJP ने क्रॉस-वोटिंग के सहारे जीत दर्ज की और एक बार फिर नगर निगम में अपनी पकड़ मजबूत कर ली।