
चैत्र नवरात्रि 2025 का आगमन 30 मार्च, रविवार से होने जा रहा है। इस बार यह पर्व 8 दिन ही मनाया जाएगा, क्योंकि द्वितीया और तृतीया तिथियाँ एक ही दिन, 31 मार्च को आ रही हैं। इसलिए इस साल नवरात्रि के पर्व को 6 अप्रैल, रविवार तक ही मनाया जाएगा, जो एक दिन कम रहेगा।
चैत्र नवरात्रि हिंदू लूनि-सौर कैलेंडर के पहले महीने ‘चैत्र’ से जुड़ा हुआ है। इस दौरान भक्तगण माँ पार्वती के नौ रूपों की पूजा करते हैं और व्रत रखते हैं। इस महापर्व का महत्व विशेष रूप से माँ दुर्गा के साथ जुड़ा हुआ है, जिनकी पूजा के दौरान लोग कई प्रकार के व्रत और अनुष्ठान करते हैं।
इस दौरान राम नवमी भी मनाई जाती है, जो भगवान राम के जन्मोत्सव का प्रतीक है। राम नवमी इस बार नवरात्रि के अंतिम दिन, यानी नवमी तिथि को 6 अप्रैल को मनाई जाएगी।
यह पर्व न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि समाजिक और सांस्कृतिक स्तर पर भी विशेष स्थान रखता है। नवरात्रि में गहस्थापना, कन्या पूजन और संधि पूजन जैसे अनुष्ठान विशेष रूप से महत्वपूर्ण माने जाते हैं।
यद्यपि नवरात्रि वर्ष में दो बार मनाई जाती है—चैत्र और शारदीय—इस साल के चैत्र नवरात्रि को ‘बसंती पूजा’ के नाम से भी जाना जाता है। वहीं, शारदीय नवरात्रि को ‘अकाल बोधन’ और ‘शारदीय दुर्गा पूजा’ के नाम से मनाया जाता है।
इस बार के नवरात्रि उत्सव में बदलाव के बावजूद, भक्तगण इस पवित्र अवसर का लाभ उठाने के लिए अपनी श्रद्धा और भक्ति में कोई कमी नहीं छोड़ेंगे।