Diwali 2025: 20 या 21, जानिए कब है दीपावली, पूजा मुहूर्त और पांच दिन पर्व का पूरा शेड्यूल

Diwali 2025: 20 या 21, जानिए कब है दीपावली, पूजा मुहूर्त और पांच दिन पर्व का पूरा शेड्यूल
Diwali 2025: 20 या 21, जानिए कब है दीपावली, पूजा मुहूर्त और पांच दिन पर्व का पूरा शेड्यूल

नई दिल्ली: भारत में दीपावली का पर्व हर वर्ष बड़ी श्रद्धा, उल्लास और भक्ति के साथ मनाया जाता है। यह पांच दिवसीय त्योहार न केवल रोशनी और सजावट का प्रतीक है, बल्कि परिवार, परंपरा और आत्मिक शुद्धता का उत्सव भी है। वर्ष 2025 में दीपावली अक्टूबर महीने में मनाई जाएगी, जिसकी शुरुआत धनतेरस से शनिवार, 18 अक्टूबर को होगी और भाई दूज पर बुधवार, 22 अक्टूबर को समाप्त होगी।

इस दौरान हर दिन का विशेष महत्व और पूजा विधि होती है। यहां दीपावली 2025 का पूरा पंचदिवसीय कैलेंडर और पूजन मुहूर्त प्रस्तुत है:

दीपावली 2025 पंचदिवसीय कैलेंडर:

दिनत्योहारतारीखप्रमुख समय / जानकारी
दिन 1धनतेरसशनिवार, 18 अक्टूबर 2025पूजा मुहूर्त: शाम 7:39 बजे से 8:25 बजे तक
दिन 2काली चौदस / नरक चतुर्दशीरविवार, 19 अक्टूबर 2025मुहूर्त: रात 11:40 बजे से 12:29 AM (20 अक्टूबर)
दिन 3लक्ष्मी पूजा / दीपावलीसोमवार, 20 अक्टूबर 2025प्रदोष काल: शाम 5:58 से 8:25 बजेवृषभ काल: शाम 7:31 से 9:33 बजे तक
दिन 4गोवर्धन पूजामंगलवार, 21 अक्टूबर 2025सुबह: 6:11 – 8:32 बजेशाम: 3:36 – 5:57 बजे
दिन 5भाई दूज / यम द्वितीयाबुधवार, 22 अक्टूबर 2025अपराह्न मुहूर्त: दोपहर 1:14 से 3:35 बजे तक

प्रत्येक दिन का महत्व:

धनतेरस (18 अक्टूबर):
दीपावली की शुरुआत धनतेरस से होती है। इस दिन देवी लक्ष्मी के स्वागत के लिए घर की सफाई, दीप प्रज्वलन, और धन-संपत्ति की खरीदारी होती है। सोना, चांदी या बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है।

काली चौदस / नरक चतुर्दशी (19 अक्टूबर):
चोटी दिवाली के रूप में मनाया जाने वाला यह दिन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। घरों में दीप जलाए जाते हैं और स्वास्थ्य व सुरक्षा के लिए विशेष पूजन किया जाता है।

लक्ष्मी पूजा / मुख्य दीपावली (20 अक्टूबर):
यह पर्व का मुख्य दिन होता है। देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की विधिवत पूजा की जाती है। घरों में दीपमालाएं सजाई जाती हैं, मिठाइयों का वितरण होता है और आतिशबाज़ी से आकाश रोशन होता है।

गोवर्धन पूजा (21 अक्टूबर):
भगवान कृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत उठाने की स्मृति में यह दिन मनाया जाता है। अन्नकूट (भोजन का बड़ा भोग) अर्पित कर भक्ति भाव से पूजा की जाती है।

भाई दूज (22 अक्टूबर):
यह दिन भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक है। बहनें अपने भाई की लंबी उम्र की कामना करती हैं और भाई उन्हें उपहार देते हैं। यह रक्षाबंधन से मिलता-जुलता पर्व है।

समापन:

दीपावली 2025 का यह पांच दिवसीय पर्व 18 से 22 अक्टूबर तक चलेगा, जिसमें हर दिन का आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व है। यह पर्व अंधकार पर प्रकाश की, बुराई पर अच्छाई की और अलगाव पर एकता की विजय का प्रतीक है। ध्यानपूर्वक पूजा विधि का पालन करें, शुभ मुहूर्त में पूजन करें और इस पावन पर्व को श्रद्धा और प्रेम के साथ मनाएं।

Pushpesh Rai
एक विचारशील लेखक, जो समाज की नब्ज को समझता है और उसी के आधार पर शब्दों को पंख देता है। लिखता है वो, केवल किताबों तक ही नहीं, बल्कि इंसानों की कहानियों, उनकी संघर्षों और उनकी उम्मीदों को भी। पढ़ना उसका जुनून है, क्योंकि उसे सिर्फ शब्दों का संसार ही नहीं, बल्कि लोगों की ज़िंदगियों का हर पहलू भी समझने की इच्छा है।