जयपुर में आईआईटी बॉम्बे के पूर्व छात्र और “आईआईटी बाबा” के नाम से प्रसिद्ध अभय सिंह को एक छोटे से गांजे के पैकेट के साथ हिरासत में लिया गया। अभय सिंह ने गांजे को “प्रसाद” बताते हुए इसका सेवन किया था। इस घटना के बाद स्थानीय पुलिस ने उन्हें नशीले पदार्थों और मानसिक प्रभाव डालने वाली पदार्थों (NDPS) अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया और एक मामला दर्ज किया।
अभय सिंह की हिरासत तब हुई जब स्थानीय पुलिस को सूचना मिली कि वह रिद्धि सिद्धि इलाके के एक होटल में असमंजस पैदा कर रहे थे। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर उनकी तलाशी ली और एक छोटी मात्रा में गांजा पाया। चूंकि यह मात्रा कानूनी सीमा के भीतर थी, इसलिए अभय सिंह को जल्द ही रिहा कर दिया गया।
रिहाई के बाद, अभय सिंह ने अपने कार्यों का बचाव करते हुए कहा कि महाकुंभ में कई बाबाओं द्वारा गांजा सेवन एक सामान्य आध्यात्मिक अभ्यास है। उन्होंने पुलिस के कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि महाकुंभ में कई लोग इसी तरह की प्रथाओं का पालन करते हैं, लेकिन उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाता।
मीडिया से बातचीत करते हुए अभय सिंह ने आगे कोई टिप्पणी करने से मना कर दिया और कहा कि आज उनका जन्मदिन है, और वह खुशी के साथ इसे मनाना चाहते हैं।
अभय सिंह, जो पहले एयरोस्पेस इंजीनियर रहे हैं, उन्होंने तकनीकी पेशे से सन्यास लेकर ascetic जीवन को अपनाया था, जो महाकुंभ के दौरान सार्वजनिक ध्यान का केंद्र बन गया था। उनका यह परिवर्तन और आध्यात्मिक यात्रा समाज में चर्चा का विषय रही है।
अभय सिंह का यह विवादास्पद मामला एक बार फिर से धार्मिक और आध्यात्मिक संदर्भ में नशीली दवाओं के सेवन को लेकर बहस को हवा दे सकता है।