Bangladesh के साथ विवाद के बीच गिरफ्तार हिंदू पुजारी Chinmay Krishna Das के प्रति ISKCON ने जताया अपना समर्थन

Bangladesh के साथ विवाद के बीच गिरफ्तार हिंदू पुजारी Chinmay Krishna Das के प्रति ISKCON ने जताया अपना समर्थन
Bangladesh के साथ विवाद के बीच गिरफ्तार हिंदू पुजारी Chinmay Krishna Das के प्रति ISKCON ने जताया अपना समर्थन

इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (इस्कॉन) ने यह साफ किया है कि उसने बांग्लादेशी सरकार द्वारा गिरफ्तार किए गए हिंदू पुजारी चिन्मय कृष्ण दास से खुद को अलग नहीं किया है। इस्कॉन ने कहा कि वह दास का समर्थन करता है और बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के अधिकारों की रक्षा के लिए काम करता रहेगा।

इस्कॉन ने बयान में कहा, “हमने कभी भी दास के अधिकारों का समर्थन करने से खुद को अलग नहीं किया। हम हिंदुओं और उनके पूजा स्थलों की सुरक्षा के लिए शांतिपूर्वक वकालत करते रहेंगे।” यह बयान बांग्लादेशी मीडिया में आई उन खबरों के बाद आया, जिसमें कहा गया था कि इस्कॉन ने दास के कामों से अपना नाम हटा लिया है।

चिन्मय कृष्ण दास को 25 नवंबर को बांग्लादेशी सरकार ने देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया था। हालांकि, दास को अक्टूबर में इस्कॉन से निष्कासित कर दिया गया था। इस्कॉन ने यह भी कहा कि दास अब इस्कॉन का आधिकारिक प्रतिनिधि नहीं हैं, लेकिन संगठन ने हमेशा उनके अधिकारों का समर्थन किया है।

इस्कॉन बांग्लादेश ने भी हिंसक प्रदर्शनों से संगठन को जोड़ने के आरोपों को नकारा है, और कहा कि ये आरोप झूठे और दुर्भावनापूर्ण हैं। इन प्रदर्शनों के दौरान एक वकील की मौत हो गई थी।

चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी एक रैली में बांग्लादेशी राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने के आरोपों से जुड़ी है। वे बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न के विरोध में रैली में शामिल थे। फिलहाल, उन्हें ज़मानत नहीं मिली है और वे हिरासत में हैं।

हालाँकि, बांग्लादेश में कुछ लोग इस्कॉन पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन बांग्लादेश का उच्च न्यायालय ने हाल ही में यह निर्णय लिया कि इस समय इस्कॉन पर कोई प्रतिबंध लगाना उचित नहीं है।

Digikhabar Editorial Team
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